शराबबंदी वाले राज्य में पुलिस के नाक के नीचे बन रही थी शराब

By pnc Mar 21, 2022




मुख्य सरगना की पहचान पुलिस ने रखी गुप्त

राजधानी पटना ने वर्षों से चल रहा था कारोबार

चार लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

असली मास्टर माइंड कौन पुलिस से नहीं किया खुलासा

ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर राजधानी पटना में नकली शराब बनाई जा रही थी. शाराब बनाने का खेल लंबे वक्त से चल रहा था. इस बात का खुलासा सिटी एसपी ईस्ट प्रमोद कुमार ने सदर एएसपी संदीप सिंह के साथ मिलकर नकली शराब बनाने और उसकी सप्लाई का खुलासा किया.

राजधानी में पत्रकार नगर थाना के तहत विजय नगर और गौरीचक के अजीमचक इलाके में नकली शराब बनाने का अवैध धंधा चल रहा था. शराब बनाने के बाद इन्हीं दोनों जगहों पर उसे स्टॉक भी किया जाता था. इसके लिए एक बड़ा गोदाम किराए पर लिया हुआ था. नकली शराब बनाने के लिए दो तरह के स्प्रीट का इस्तेमाल किया जा रहा था. क्योंकि, छापेमारी के दौरान पुलिस को दो तरह के स्प्रीट मिले थे. स्प्रीट की एक खेप गैलन में मिली, जिसे झारखंड से मंगाया जाता था. जबकि, दूसरी खेप 100ml की शीशी में मिली, जिसका इस्तेमाल होमियो पैथ की दवा बनाने में किया जाता है और इसे उत्तर प्रदेश से मंगाया जा रहा था.

छापेमारी के क्रम में दोनों ही जगहों से बनी हुई नकली शराब के साथ ही पुलिस को शराब पैक करने के लिए काफी सारी खाली बोतल, अलग-अलग ब्रांड के नाम लिखे हुए उसके ढक्कन, नाम लिखा हुआ स्टीकर, टैग, असली दिखाने के लिए हरियाणा, वेस्ट बंगाल और अरूणाचल प्रदेश लिखा हुआ बारकोड व होलोग्राम सहित काफी कुछ मिला है.

इस मामले में पुलिस ने अब तक कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें बबलू कुमार यादव, संजय कुमार, अरविंद कुमार मिश्रा और सन्नी कुमार शामिल हैं. प्रेस कांफ्रेंस कर पटना पुलिस ने अपनी बात तो कह दी. मगर, नकली शराब बनाने और उसकी सप्लाई के पीछे के खेल का असली मास्टर माइंड कौन है? उसकी पहचान का उजागर नहीं किया. कार्रवाई का हवाला देते हुए उसे गुप्त रखा. क्योंकि, मुख्य सरगना अब भी फरार है. पुलिस का दावा है कि इनका कनेक्शन काफी बड़ा है. नकली शराब बनाकर इसकी सप्लाई पटना के अंदर में ही किए जाने के सबूत मिले हैं. एक बोतल नकली शराब बनाने का खर्चा 50 से 100 रुपए के बीच है. जबकि, इसे ये लोग 500 से अधिक दाम पर बेच रहे थे.

होली को लेकर पत्रकार नगर के थानेदार मनोरंजन भारती अपनी टीम के साथ पेट्रोलिंग पर थे. उसी दरम्यान 18 मार्च की देर रात स्कूटी से जा रहे मधुबनी के रहने वाले बबलू कुमार यादव को पकड़ा. उस वक्त बबलू दो बोतल शराब लेकर होम डिलीवरी के लिए जा रहा था. जब इससे पूछताछ हुई और इसके कनेक्शन को खंगाला गया तब विजय नगर के अड्‌डे का पता चला. वहां ग्राउंड फ्लोर पर छापेमारी के दरम्यान शराब बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले काफी सारे सामान मिले. फिर पुलिस ने यहां के मकान मालिक अरविंद कुमार मिश्रा को पकड़ा. इसके बाद गौरीचक के अजीमचक में स्थित तीन फ्लोर वाले बिल्डिंग में छापेमारी हुई. यहीं पर नकली शराब धड़ल्ले से बनाई जा रही थी. पुलिस ने इसके मकान मालिक अगमकुआं के बड़ी पहाड़ी का रहने वाला सन्नी कुमार को भी गिरफ्तार किया है. इसके बाद शराब की पैकिंग के लिए बोतल सप्लाई करने वाले पटना सिटी के संजय कुमार को पकड़ा गया. आलगमंज थाना के तहत इसके दो गोदामों में छापेमारी भी की गई. इस पूरे प्रकरण में पत्रकार नगर और गौरीचक थाना में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज किए गए हैं.

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