जानिए किस पुरातन नगरी में धूमधाम से मनी महावीर जयंती

जैनों की पुरातन नगरी ‘आरा’ में धूमधाम से मनी ‘भगवान महावीर जयंती

गाजे-बाजे के साथ जैन धर्मावलंबियों ने निकाली भव्य शोभायात्रा




आरा,16अप्रैल. जैनों की पुरानी नगरी आरा में भगवान महावीर जयंती पर मनाए जाने वाले तीन दिवसीय भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव का समापन भव्य शोभायात्रा समेत कई कार्यक्रमों के साथ हुआ. महोत्सव में न सिर्फ जैन समुदाय बल्कि अन्य समुदायों के लोगों ने भी हिस्सा लिया. बताते चलें कि प्राचीन समय से ही जैन समुदायों के लिए आरा एक विशिष्ट स्थान रखता है. यहाँ जैन धर्म के 24वे तीर्थंकर का आगमन भी हुआ है और लगभग 5 दर्जन जैन मंदिर है. आधुनिकता के साथ भले ही शहर बदल गया हो लेकिन प्राचीन काल से अबतक भगवान महावीर की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है.

प्रातःकाल 5 बजे : बच्चों ने प्रभातफेरी निकाला जो श्री शान्तिनाथ जैन मंदिर से गोपाली चौक, धर्मन चौक, महादेवा रोड, महाजन टोली न01 और 02 के विभिन्न गलियों से होते हुये पुनः मंदिर पहुँचकर सम्पन्न हुआ. प्रभातफेरी में बच्चे हाथों में जैन-ध्वज लहराते हुये भगवान महावीर का जयकारा लगा रहे थे. अंतिम दिन भगवान महावीर की भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई जो श्री शान्तिनाथ मंदिर से होते हुए शहर के शहर के गोपाली चौक, जेल रोड, शिवगंज, हॉस्पिटल रोड, बड़ी मठिया, महादेवा, चित्रटोली रोड होते हुये हर प्रसाद दास जैन स्कूल स्थित पांडुकशीला पर पहुँच समाप्त हुआ. शोभायात्रा में सौधर्म इंद्र-इन्द्राणी सविनय-ज्योति जैन श्री को अपने हाथों में लिए हुये रथ पर विराजमान थीं. शोभायात्रा में गाजे-बाजे, ऊँट और सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बच्चे और पुरुष भगवान महावीर के संदेशो की जयघोष, नारा, एवं भजन को गाते हुये चल रहे थे.

शोभायात्रा के जैन स्कूल पहुंचने के बाद जिनेन्द्र प्रभु को विराजमान कर सौधर्म इंद्र-इंद्राणी एवं भक्ति कलश आवंटनकर्ता ने जिनेन्द्र प्रभु की भव्य पंचामृत अभिषेक में जल, दूध, संतरा रस, अनार रस, मौसमी रस, हल्दी रस, केशर, इक्षु रस, सर्वोषधि, इत्यादि से अभिषेक, चन्दन लेपन, पूजन, वृहद शांतिधारा, महा-मंगल आरती किया गया. पूजन के बाद सभी श्रद्धालुओं के लिए सामुहिक वात्सल्य (भोजन) की व्यवस्था डॉ प्रो0 राकेन्द्र चन्द्र जैन परिवार द्वारा की गई.

अंतिम दिन चलने वाले संध्याकालीन कार्यक्रम में शाम 6 बजे कलकत्ता से आये जादूगर ने अपना मैजिक शो दिखाया जिसका बच्चों ने भरपूर आनंद उठाया. संध्या 7:30 बजे मुख्य कार्यक्रम आमसभा का उद्घाटन मुख्य अतिथि कुलपति डॉ देवी प्रसाद तिवारी, अतिथि एवं वक्ता डॉ आचार्य धर्मेन्द्र तिवारी, डॉ रण विजय कुमार, डॉ राकेन्द्र चन्द्र जैन ने संयुक्त रुप से भगवान महावीर के तैल चित्र पर द्वीप प्रज्जवलित कर किया. संयोजक डॉ आदित्य विजय जैन ने आगत अतिथियों का स्वागत फ्रूट बास्केट देकर किया. मुख्य अतिथि डॉ देवी प्रसाद तिवारी ने कहा कि भगवान महावीर आत्म धर्म जगत की प्रत्येक आस्था के समान है दुनिया की सभी आत्मा एक सी है, इसलिए हम दूसरों के प्रति वही विचार एवं व्यवहार रखें जो हमें स्वंय को पसंद हो. डॉ आचार्य धर्मेन्द्र तिवारी ने कहा कि तीर्थंकर महावीर दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया. उनके बताये हुए मार्गों पर चलकर ही अपने जीवन को सफल बना जा सकता है. डॉ रण विजय कुमार ने कहा कि भगवान महावीर सिर्फ जैनों के ही नहीं है वे सभी जाति एवं धर्मो के लिए है. उनके बताये हुए मार्ग अहिंसा पर चलकर ही विश्व में शांति की कल्पना कर सकता है. विद्वानों के भाषण के पश्चात सभी उत्कृष्ठ प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा पुरस्कार वितरित किया गया.

समिति के सचिव अखिलेश कुमार जैन ने सभी संयोजकों एवं कार्यकर्ताओं का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन कर किया. कार्यक्रम में अरिंजय कुमार जैन, मनोज जैन, बिभु जैन, अमूल बांसिल, मीडिया प्रभारी निलेश कुमार जैन, हर्षित विजय जैन, मनीष कुमार जैन, रजत जैन, सलिल जैन, इंशु जैन, डॉ शशांक जैन, डॉ श्वेता जैन, दीपक प्रकाश जैन के साथ समाज के सभी युवक-युवतियों ने एक दूसरे का भरपूर सहयोग किया.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट