दरभंगा एयरपोर्ट के सिविल इन्कलेव निर्माण के लिए मिली 52.65 एकड़ जमीन




जिला प्रशासन ने अधियाची विभाग (मंत्रिमंडल सचिवालय) को किया जमीन हस्तांतरण

रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत 8 नवंबर 2020 को सिविल एयर सेवा की शुरुआत

देश के सबसे अधिक लाभ कमाने वाले एयरपोर्ट में शुमार

संजय मिश्र,दरभंगा

एयरफोर्स स्टेशन के साथ लगे सिविल दरभंगा एयरपोर्ट को आखिरकार सिविल एनक्लेव के लिए 52.65 एकड़ जमीन मिल गया. लंबे अरसे के राजनीतिक तकरार के बाद नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय के संयुक्त सचिव को दरभंगा जिला प्रशासन ने जमीन के कागजात 28 फरवरी 2023 को सौंप दिया.

परमानेंट सिविल इन्कलेव के लिए सदर अंचल अन्तर्गत मौजा – बासुदेवपुर, थाना नम्बर – 449 में RFCTLARR Act – 2013 के तहत कुल – 52.65 एकड़ भूमि का अर्जन किया जाना था. जिसकी प्राक्कलित राशि 02 अरब 82 करोड़ 16 लाख 33 हजार 532 रूपये है. इस भूमि के अर्जन की प्रक्रिया के लिए अधिसूचना का प्रकाशन 17 सितम्बर 2022 को एवं अधिघोषणा का प्रकाशन 28 दिसम्बर 2022 को की गयी थी.
  
सिविल इन्कलेव निर्माण के लिए कुल – 52.65 एकड़ अधिग्रहित भूमि को जिला प्रशासन ने संयुक्त सचिव, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार, पटना को आधिपत्य सुपूर्द कर दिया है. मौके पर संयुक्त सचिव, मंत्रीमंडल सचिवालय, बिहार पटना (अधियाची पदाधिकारी) निशीथ वर्मा, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, दरभंगा बालेश्वर प्रसाद एवं अन्य जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे.

अभी तक मेकशिफ्ट एनक्लेव से ही काम चलाया जा रहा है जबकि प्रदेश का सबसे ज्यादा एयर ट्रैफिक दरभंगा का ही है. आपको बता दें कि संसद में पेश आकड़ों के अनुसार बिहार के दरभंगा हवाई अड्डे ने वित्त वर्ष 2021-22 में ₹2.10 करोड़ का लाभ कमाया है. वहीं पटना एयरपोर्ट ₹42 लाख तो गया एयरपोर्ट ₹14.32 करोड़ के घाटे में है. लेकिन साल 2020 में निर्माण के साथ ही दरभंगा एयरपोर्ट का विकास राजनीति की बलि चढ़ती रही है.

दरभंगा सैन्य हवाई अड्डा पर रनवे एक्सटेन्सन एवं सिविल इन्कलेव के निर्माण खातिर भू-अर्जन की प्रक्रिया पूर्व में की गयी थी. जिसके तहत जिला प्रशासन ने 10 अक्टूबर 2022 को रनवे एक्सटेन्सन के लिए सदर अंचल, दरभंगा के मौजा – बेला, (टुकड़ा नम्बर – 01 एवं 02), थाना नम्बर – 516 एवं मौजा – बेलादुल्ला, थाना नम्बर – 513 तथा मौजा – बासुदेवपुर, थाना नम्बर – 449 की RFCTLARR Act – 2013 अन्तर्गत कुल – 24 एकड़ अधिग्रहित भूमि संयुक्त सचिव, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार, पटना को आधिपत्य सुपूर्द किया था.
 
रनवे एक्टेन्सन के लिए 24 एकड़ भूमि का तीनों अलग-अलग मौजा के लिए अधिसूचना का प्रकाशन 01 अप्रैल 2022 को तथा अधिघोषणा का प्रकाशन 01 जून 2022 को किया गया. सम्पूर्ण 24 एकड़ भूमि की कुल – 60 करोड़ 27 लाख 55 हजार 976 रूपये प्राक्कलित राशि थी.दरभंगा हवाई अड्डा के विकास हेतु जिला प्रशासन द्वारा बिहार सरकार के 15वीं वित्त की राशि से 21 लाख की लागत से अस्थाई पार्किंग के लिए तत्काल हवाई अड्डा के सामने सड़क के बलग में सरकारी भूमि चिन्ह्ति कर पार्किंग का निर्माण कराया गया.

बिहार सरकार द्वारा एयरपोर्ट टर्मिनल से सीधे एस.एच. 105 को जोड़ने हेतु 308.50 लाख की लागत से 21 मीटर लम्बा 2 लेन आर.सी.सी. पुल का निर्माण वरीय परियोजना अभियंता, पुल निर्माण निगम, दरभंगा द्वारा कराकर निदेशक, एयरपोर्ट, दरभंगा को हस्तगत करा दिया गया. जिसपर यातायात चालू है.
इस पुल के ऊपर धूप एवं बरसात से बचने हेतु 56 लाख की लागत से शेड का निर्माण स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन, दरभंगा – 01 द्वारा कराया गया.
 एयरपोर्ट एवं रनवे की सुरक्षा का कार्य बिहार विशेष सशस्त्र सुरक्षा बल, दरभंगा द्वारा प्रतिनियुक्त जवानों द्वारा किया जा रहा है. अग्नि से सुरक्षा हेतु अग्निशमन कार्यालय से 20 जवान की प्रतिनियुक्ति एयरपोर्ट पर की गयी है. चिकित्सा सुविधा हेतु अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक एम्बुलेंस, चिकित्सक एवं पारा मेडिकल कर्मियों की प्रतिनियुक्ति हवाई अड्डा पर की गई है. जिला प्रशासन ने हवाई अड्डा के सामने से जयनगर वाली 0-2 किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण हेतु अपर मुख्य सचिव, पथ निर्माण विभाग, बिहार को प्राथमिका के आधार पर अनुरोध किया गया है. इसके साथ ही बी.एस.ए.पी. के अस्थायी आवासन हेतु एवं आतंकवाद निरोधक दस्ता हेतु हवाई अड्डा के बगल में स्थित 1200-1200 वर्गफीट सरकारी भूमि हस्तांतरित कर दी गई है.
 
बिहार सरकार द्वारा भवन निर्माण विभाग, दरभंगा के माध्यम से 2.27 करोड़ की लागत से व्यू कटर एवं रनवे फेन्सिंग का कार्य पूर्ण करया जा चुका है.ये जानकारी दरभंगा प्रमण्डल के जन सम्पर्क उप निदेशक एन के गुप्ता ने 01 मार्च, 2023 को दी है. दरभंगा को रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत 8 नवंबर 2020 को स्टार्ट किया गया था. आपको याद दिला दें कि इस एयरपोर्ट का निर्माण दरभंगा के महाराज कामेश्वर सिंह ने कराया था. साल 1962 के चीन युद्ध के बाद इसे सैन्य एयरफोर्स स्टेशन में तब्दील कर दिया गया. लेकिन मोदी सरकार ने पहल कर 2020 में इसके एक हिस्से से सिविल उड़ान शुरू करवाई. ये एयरपोर्ट बिहार और नेपाल सहित करीब 20 जिलों को एयर कनेक्टिविटी देती है.

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