सूत्रधार ने मनाई भारतेन्दु की जयंती

By Amit Verma Sep 9, 2016

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नाट्य जगत में अपनी अलग पहचान बना चुके नाट्य संस्था सूत्रधार के बैनर तले दानापुर में प्रसिद्ध नाटककार एवं लेखक भारतेन्दु की जयंती मनाई  गई. इस अवसर आर्यभट्ट निकेतन खगौल के प्रेक्षागृह में वरिष्ठ रंगकर्मी उदय कुमार ने भारतेन्दु की कालजयी रचना “अंधेर नगरी चौपट राजा” का पाठ किया. रंगकर्मीें उदय कुमार ने कहा कि “अंधेर नगरी” की प्रासंगिकता बरकरार है . आज भी सब कुछ बिकाऊ है. उन्होंने कहा कि रंगकर्मी शब्द भारतेन्दु की देन है.




अंधेर नगरी में कैसे सब कुछ टके सेर बिक रहा था, जहां कबाब, मछली, पाचक, चनाजोर गरम, लड्डू, इमरती, नारंगी के साथ जात-पात, धर्म-इमान सब आवाज लगाकर टके सेर बेचे जा रहे थे. जी हाँ यह अंधेर नगरी का बाजार था, अपने गुरु की सीख को भूलकर लालची शिष्य इस बाजार में फंसकर फांसी के तख्ते तक पहुंच जाता है. गुरु की चतुराई से अंधेर नगरी का राजा खुद फांसी पर चढ़ जाता है और चेले की जान बच जाती है. यह सारे दृश्य उभरते हैं नाटक“अंधेर नगरी चौपट राजा” में.

नाटक के पहले भारतेन्दु को याद करते हुए एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सूत्रधार के महासचिव नवाब आलम ने आज के दौर में भाषा और साहित्य के प्रति लोगों में रुझान की कमी का उल्लेख किया, उन्होंने कहा कि भारतेन्दु ने बहुत कम समय में अपनी रचनाओं के माध्यम से साहित्यिक-सांस्कृतिक जगत में अभूतपूर्व योगदान दिया है, उनकी रचनाएँ कल भी प्रांसगिक थी, आज भी और आगे भी रहेगी.
जयंती समारोह में सनोज यादव, बैजनाथ प्रसाद, सुरेश यादव, डॉ आइ रहमान, डॉ मो समीम, राकेश गुप्ता, मो सज्जाद, दिलीप देशवासी, कृष्णा पासवान सहित कई रंगकर्मियों ने संबोधित कर भारतेन्दु को याद किया.

रिपोर्ट दानापुर से चन्द्रशेखर 

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