पटना।। बिहार सरकार के दावों पर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं क्योंकि इस बार दुर्गा पूजा में भी बिहार के हजारों शिक्षकों को वेतन नहीं मिला. यानी बिना वेतन ही दशहरा बीत गया शिक्षकों का.

यह बात दीगर है कि बिहार सरकार ने 25 सितंबर से ही बिहार के कर्मचारियों को वेतन देने का आदेश जारी किया था लेकिन बड़ी संख्या में विशेष रूप से शिक्षकों और प्रधान शिक्षकों को सितंबर माह का वेतन नहीं मिला. इनमें से हजारों शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्हें करीब 3 महीने से वेतन नहीं मिला है. उसके लिए कई बार निर्देश जारी होने के बावजूद इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई.

ये हाल तब है जबकि शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को समय पर वेतन और बकाया भुगतान का आदेश जारी किया है. कई शिक्षकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वह लगातार जिला शिक्षा कार्यालय के चक्कर काटते रहे लेकिन इसका कोई फायदा नहीं मिला. खासकर उन शिक्षकों और प्रधान शिक्षकों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी है जिनका तबादला जून या जुलाई महीने में हुआ.
दुर्गा पूजा जैसे बड़े पर्व पर भी शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है. सिर्फ यही नहीं विशिष्ट शिक्षकों के लिए सरकार ने अब तक वेतन संरक्षण या सेवा निरंतरता की घोषणा नहीं की है जिससे लाखों शिक्षक बेहद निराश और हताश हैं. उन्हें अब भी पुराने वेतन और भत्ते से गुजारा करना पड़ रहा है.
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ समेत कई संगठनों ने 5 अक्टूबर को इन सब के विरोध में पटना में धरना और प्रदर्शन करने की घोषणा की है.
बता दें कि बिहार में इस वर्ष विधानसभा का चुनाव होना है और चुनाव की घोषणा अब किसी भी दिन हो सकती है. चुनाव की घोषणा होने के बाद चुनाव आचार संहिता लागू होने पर कर्मचारियों को अगले कई महीने तक इंतजार करना पड़ेगा.
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