यहां इलाज कराना हो तो बैंडेज-पट्टी साथ लेकर आएं

इमरजेंसी में भी नहीं मिलती हैं दवाएं

इलाज कराना हो तो दवा, सूई और बैंडेज-पट्टी खरीदकर ले जाएं




बक्सर सदर अस्पताल के वार्डों में भर्ती मरीजों को इन दिनों दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं. अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में दवा का स्टॉक है, लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही है. यहां वैसे मरीजों को काफी फजीहत झेलनी पड़ती है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और सदर अस्पताल इलाज कराने पहुंचते हैं. गुरुवार की रात ऐसा ही मामला सदर अस्पताल में सामने आया. जब कोरानसराय थाना के कमधरपुर गांव में एक शख्स को अज्ञात अपराधियों ने गोलियों से भून दिया. उसके शरीर में पांच गोलियां लगी थी. किसी तरह परिजन उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर आये थे. लेकिन, सदर अस्पताल के इमरजेंसी में ना तो बैंडेज था ना ही पट्टी. इसके लिए ड्यूटी पर तैनात डॉ अमलेश कुमार व स्टाफ ने परिजनों को बाहर से बैंडेज लाने के लिए कहा. इस दौरान घायल दर्द से तड़पता रहा. सदर अस्पताल के कई वार्डों में दर्जनों ऐसे मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज तो सदर अस्पताल में हो रहा है लेकिन सिर्फ कागज पर. उन्हें सुविधा के नाम पर केवल सुबह-शाम डॉक्टर के दर्शन होते हैं. दवा उन्हें बाहर से ही लाना पड़ता है.

सूई धागा खरीदकर मरीज पहुंचते हैं इमरजेंसी वार्ड

गुरुवार की रात कुछ ऐसे भी वार्ड थे जहां एक भी दवा उपलब्ध नहीं थी. संक्रमण वार्ड में तो सिर्फ पानी ही मिला. सरकार की तरफ से मिलने वाले भोजन में भी किसी -किसी दिन कटौती हो जाती है. पूछने पर कहा जाता है कि भूल से कैंटिन के लोग इस वार्ड में नहीं पाए हैं. लेकिन इन सब बातों की निगरानी का जिम्मा जिन्हें दिया गया है उन्हें कुछ मालूम ही नहीं हो पाता है. दवा का आलम यह है कि जो मरीज सड़क हादसे में इमरजेंसी वार्ड में पहुंचते हैं उन्हें पहले सूई और धागा बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है. उसके बाद ही उनका इलाज हो पाता है. इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ भी इस बात को स्वीकारते हैं कि पहले घायल का इलाज होना जरूरी है, लेकिन वे लोग अपनी मजबूरी का हवाला देकर मरीज के परिजन को धागा अन्य दवा के लिए बाहर भेज देते हैं.

दवा खत्म हो गई होगी, मामला मेरे संज्ञान में नहीं है

जिले के सरकारी अस्पतालों में यहां से ही दवा की आपूर्ति की जाती है. हो सकता है कुछ दवा खत्म हो गई होगी. इस तरह का कोई मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, पता कर दवा उपलब्ध करवाई जाएगी.- डॉ.बीके, सिविल सर्जन, बक्सर

 

बक्सर से ऋतुराज

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