नहाय खाय के साथ शुरू हुआ लोक आस्था का महान पर्व छठ
चारों ओर गूंज रहे है आदित्य देव और छठी मैया के गीत
वातावरण में बना भक्ति का माहौल
रविवार को देंगे अस्ताचलगामी प्रकृति देव सूर्य को अर्घ्य
प्रकृति के देव भगवान सूर्य की आराधना और उपासना का महापर्व छठ आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया .बिहार के रहने वाले लोगों के घरों में छठी माई के गीत गूंजने लगे हैं .पुरे वातावरण में उत्सव का नैसर्गिक अहसास चारों ओर दिखने लगा है .चारों ओर वातावरण में आस्था का माहौल बन गया है .बाजार में फल और आवश्यक सामग्रियों की खरीदारी शुरू हो गई है .
चार दिनों के इस लोक आस्था के महान पर्व के पहले दिन भगवान् भास्कर की अराधना कार्तिक शुक्ल चतुर्थी ‘नहाय-खाय’ के रूप में की शुरू हो गया . इस दिन सबसे पहले घर की साफ-सफाई की जाती है.इसके बाद छठव्रती स्नान कर पवित्र तरीके से बने शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण कर व्रत प्रारंभ करते है और प्रसाद के रूप में घर के सभी सदस्य व्रती के भोजन करने के बाद ही भोजन ग्रहण करते हैं . जिसमचावल ,रहर की दाल ,सेंधा नमक से बनी कद्दू आलू गोभी की सब्जी ,अगस्त के फूल का पकौड़ा, मुली, धनिया पत्ती और आंवला नीबू से बनी चटनी का सेवन करते हैं और शाम में रोटी भुजिया या पराठा सब्जी का सेवन करते है . दुसरे दिन व्रती खरना के रूप में मनाते है जिसमें नया चावल और गुड़ की खीर साथ में रोटी का सेवन कर निर्जला उपवास प्रारंभ करती जो उदयांचल सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत समाप्त होता है .