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बड़ी खबर- अब NET, CAT और NEET जैसी परीक्षाओं का जिम्मा NTA के हवाले

‘सबसे पहले patnanow पर’

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दी राष्‍ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) की स्‍थापना को मंजूरी 

देश में नेशनल लेवल की परीक्षा आयोजित करने के लिए लंबे समय से एक राष्ट्रीय एजेंसी की जरुरत महसूस की जा रही थी. इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उच्‍चतर शिक्षा संस्‍थाओं के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने के लिए सोसायटी अधिनियम, 1860 के अन्‍तर्गत सोसायटी के रूप में एक स्‍वायत्‍त और आत्‍मनिर्भर शीर्ष परीक्षा संगठन, राष्‍ट्रीय परीक्षा एजेंसी की स्‍थपना को मंजूरी प्रदान कर दी है. बता दें कि विश्‍व के अधिकांश उन्‍नत देशों की तरह भारत में इन प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए कोई स्पेशल एजेंसी नहीं है. इस बात को ध्‍यान में रखकर केन्द्रीय वित्‍त मंत्री ने वर्ष 2017-18 के अपने बजट भाषण में उच्‍च शैक्षिक संस्‍थाओं में दाखिले के लिए सभी प्रवेश पीरक्षाओं को आयोजित करने हेतु एक स्‍वायत्‍त तथा आत्‍मनिर्भर शीर्ष परीक्षा संगठन के रूप में राष्‍ट्रीय परीक्षा एजेसी (एनटीए) की स्‍थापना की घोषणा की थी.




NTA की मुख्‍य बातें:

  • NTA आरंभ में उन प्रवेश परीक्षाओं को संचालित करेगा जो इस समय CBSE द्वारा संचालित किए जा रहे हैं.
  • अन्‍य परीक्षाएं धीरे-धीरे तब शुरू की जाएंगी जब NTA पूर्णत: तैयार हो जाएगी.
  • यह वर्ष में कम से कम दो बार ऑनलाइन पद्धति में परीक्षाएं संचालित करेगी और इस प्रकार विद्यार्थी को उसके सर्वोत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन के लिए पर्याप्‍त अवसर प्रदान करेगी.
  • ग्रामीण छात्रों की आवश्‍यकताओं की पूर्ति के लिए यह उप-जिला/जिला स्‍तर पर केंद्रों को स्‍थापित करेगी और जहां तक संभव हो विद्यार्थियों को व्‍यावहारिक प्रशिक्षण देगी.

गठन के बारे में: 

  • NTA की अध्‍यक्षता एक प्रख्‍यात शिक्षाविद् द्वारा की जाएगी जिसकी नियुक्ति मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगा.
  • CEO, महानिदेशक होंगे जिनकी नियुक्‍ति सरकार करेगी.
  • एक शासक मंडल होगा जिसमें सदस्‍य प्रयोक्‍ता संस्‍थाओं में से होंगे.
  • महानिदेशक की सहायता के लिए शिक्षाविदों/विशेषज्ञों की अगुवाई में 9 वर्टिकल होंगे.

NTA को पहले साल में केन्द्र सरकार द्वारा 25 करोड़ रुपए का एकबारगी अनुदान दिया जाएगा. तत्‍पश्‍चात, NTA अपने संचालन के लिए आत्‍मनिर्भर होगी. NTA की स्‍थापना से विभिन्‍न प्रवेश परीक्षाओं में भाग ले रहे लगभग 40 लाख छात्रों को लाभ होगा. इसकी स्‍थापना से CBSE, AICTE तथा अन्‍य एजेंसियां इन प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित करने की जिम्‍मेदारी से मुक्‍त हो जाएंगी.

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