बाढ़ सोसाइटी द्वारा सम्मान समारोह आयोजित

नीरज को प्रथम संभावना परम शौर्य से किया गया सम्मानित




लगन, मेहनत और कार्य के प्रति समर्पण इन्सान को अंततः मुकाम तक पहुंचा ही देती है इसका जीता-जागता उदाहरण कोइलवर के सीआरपीएफ 47वीं बटालियन में सूबेदार मेजर पद पर पदस्थापित नीरज सिंह हैं . निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे नीरज सिंह ने अपने जीवन की जद्दोजहद से जूझते हुए भी अपनी शिक्षा में कभी किसी चीज को आड़े नहीं आने दिया. 1996 से 2000 वर्ष तक फुटपाथ दुकान लगाकर स्टील के बर्तनों को बेचने से लेकर खाद की छोटी दुकानदारी से अपने और अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते हुए अपनी शिक्षा को नियमित रूप से पूरा करते हुए लक्ष्य को ध्यान में रखकर अपने समस्त ऊर्जा को लगाते रहे.

परिणाम स्वरूप आज कोइलवर के सीआरपीएफ 47वीं बटालियन में सूबेदार मेजर के पद पर पदस्थापित हैं. सूबेदार मेजर नीरज सिंह बताते है कि उनकी पहली नौकरी 2000 वर्ष में सीबीआई क्लर्क में हुई थी. फिर 2001 में सीआईएसएफ में एएसआई के पद पर हुआ. उसके बाद तीसरा मौका मिला 2006 में सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर. 2010 में इंस्पेक्टर बने और 2016 में सूबेदार मेजर के पद पर प्रोन्नति हुई.

इस बीच सूबेदार मेजर सिंह को कई मेडल जैसे पुलिस आंतरिक सुरक्षा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, राष्ट्रपति द्वारा वीरता के लिए पुलिस पदक, सीआरपीएफ डायमंड जुबली मेडल तथा दो बार सीआरपीएफ महानिदेशक द्वारा डीआईजी कॉमेंडेसन डिस्क जैसा मेडल प्राप्त हुआ. बिहार के पटना जिला के बाढ़ में 3 सितम्बर को बिचली मलाही बाढ़ जिला पटना निवासी नीरज कुमार सिंह जो वर्तमान में कोइलवर 47 वी वाहिनी में सूबेदार मेजर के रूप कार्यरत है उन्हें बाढ़ सोसाइटी द्वारा समारोह आयोजित कर प्रथम संभावना परम शौर्य सम्मान प्रदान किया गया. इस खुशी के मौके पर पटना जिले के कई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे. मेजर नीरज ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाढ़ के विकास के लिए सभी को जागरूक होने की जरूरत है. उन्होंने नवयुवकों से भी अपील की है कि वो फौज में आये और देश सेवा में अपना जीवन न्यौछावर कर दें. हाल के कुछ दिनों में नीरज सिंह बाढ़ के जनता के बीच काफी लोकप्रिय नजर आ रहे हैं. नवयुवक उन्हें अपना आदर्श मानते हैं.

 

कोइलवर से आमोद कुमार

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