कछुए की गति से भी धीमा हुआ डाक विभाग का स्पीड पोस्ट !

60 km पहुँचने में स्पीड-पोस्ट को लग गया 9 दिन

आरा,18 अगस्त. बिहार बोर्ड के 7वीं कक्षा में शिक्षाप्रद एक कहानी कुर्मशशसकथा आपने जरूर पढ़ी होगी. लेकिन, क्या आपने असल जिंदगी में इस कथा को चरितार्थ होते देखा है? नही तो चलिए हम आपको इससे अवगत कराते हैं. कहानी है भारतीय डाक विभाग की स्पीड पोस्ट सेवा की जो 72 घण्टे के अंदर देश के किसी कोने में अपनी सेवा से आम व्यक्ति का डाक पहुँचाने का दावा करती है. लेकिन आपको जान कर ताज़्जुब होगा कि इस सेवा को देने वाली भारतीय डाक सेवा की एक स्पीड पोस्ट ने मात्र 60 किमी की दूरी तक डाक पहुंचाने में 9(नौ) दिन लगा दिया. स्पीड पोस्ट यानि कि ख़रगोश की चाल वाली सेवा डाक विभाग की अपनी कच्छप गति के कारण आज अपनी द्रुत गति की सेवा के ऊपर सवालिया निशान है. सवाल ये है कि जब कोई ग्राहक स्पीड पोस्ट का दाम देने के बाद भी साधारण डाक की गति से भी धीमी गति की सेवा पाए तो इस सेवा का क्या औचित्य ?




क्या है मामला ?
आरा के जगदेव पथ निवासी विमलेंदु वैभव के नाम से स्पीड पोस्ट से राखी आरा के अनाईठ पोस्ट ऑफिस से 02 अगस्त को शिमला के लिए बुक हुआ था लेकिन 72 घण्टे में शिमला कौन कहे उसे पटना जाने में ही 9 दिन लग गए. जबकि आरा से पटना की दूरी मात्र 60 किमी ही है. यानि पटना 11 अगस्त को स्पीड पोस्ट पहुँचता है और वहाँ से शिमला जाने में इसे 6 दिन और लग जाते हैं. इस तरह अपने गंतब्य तक 17 अगस्त को पहुंचता है. राखी 11 अगस्त को था. बहन की भेजी राखी रक्षाबंधन के 6 दिन बाद भाई को मिली, जबकि वह 15 दिन पहले स्पीड पोस्ट से अपने गंतब्य के लिए निकला था. बहन की राखी मिलने के बाद भाई खुश तो जरूर हुआ कि राखी मिल गई लेकिन इसको ट्रैक कर जानकारी लेने की पूरी घटना को उन्होंने सोशल मीडिया से शेयर कर यूँ लिखा है :-

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0XmvsoZdBZVNV8nXFdxApdF8FanFcUwCj1mTAu9RrKvpEjrs9kMXHFvSPXK4yyoyNl&id=100001601885628

वाह रे भारतीय डाक, दिनांक 02 अगस्त को आरा anaith पोस्ट आफिस से स्पीड पोस्ट के द्वारा राखी, शिमला के लिए बुक किया गया था, दुर्भाग्य देखिए 2 अगस्त को आरा से बुक हुवा पटना (60 km)पहुचने में 9 दिन लग गया , आज दिनांक 17 अगस्त के ये स्पीड पोस्ट मुझे शिमला में प्राप्त हुआ,

निजीकरण इसीलिए जरूरी हैं😉😐😐🤨🤨”

उनके इस पोस्ट पर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं. साथ ही लोग निजीकरण की बात को समर्थन भी कर रहे हैं. इसतरह औसतन अगर डाक विभाग के स्पीड पोस्ट की स्पीड निकालें तो एक दिन में 6km की दूरी तय करती है. जबकि कछुआ एक दिन में लगभग 7 km की दूरी तय करता है.

अब सोचने वाली बात ये है कि अगर भरतीय डाक विभाग के स्पीड पोस्ट की गति इतनी धीमी है तो डाक विभाग की सामान्य गति कछुए की चाल से कितनी गुनी कम मानी जाय?

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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