बिहार में मैट्रिक पास भी बन सकेंगे स्वास्थ्य अनुदेशक




 8386 पदों पर होनी है बिहार में भर्ती

शारीरिक शिक्षा में सर्टिफिकेट-डिप्लोमा-डिग्री की योग्यता जरूरी

बिहार में शिक्षक नियोजन नियमावली 2012 के प्रावधान के अनुरूप अहर्ता रखने वाले अभ्यर्थी मध्य विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के रूप में नियुक्त होंगे. इस नियमावली में साफ किया गया है कि भारत की नागरिकता, मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण और किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से शारीरिक शिक्षा में सर्टिफिकेट-डिप्लोमा-डिग्री की योग्यता निर्धारित अहर्ता है. इसी आधार पर पात्रता परीक्षा 2019 ली गई थी. यही योग्यता वर्तमान में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में लागू होगी. इसको लेकर शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने आदेश जारी कर दिया है. यानी मैट्रिक उत्तीर्ण भी स्वास्थ्य अनुदेशक बन सकेंगे. 

आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि कई जिलों द्वारा इस संबंध में मार्गदर्शन की मांग की जा रही थी. इसी को देखते हुए जिलों को यह आदेश जारी किया जा रहा है. मालूम हो कि शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के 8386 पद हैं, जबकि वर्ष 2019 की पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की संख्या 3523 है. नियोजन नियमावली 2020 में यह प्रावधान किया गया है कि शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की नियुक्ति के लिए आवश्यक अहर्ता इंटर परीक्षा में 50 प्रतिशत के साथ राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त किसी भी संस्थान से शारीरिक शिक्षा में कम-से-कम दो वर्ष का प्रमाणपत्र-डिप्लोमा होना निर्धारित है. पर, 30 मार्च, 2022 द्वारा निर्धारित नियोजन में 2012 नियमावली और पात्रता परीक्षा 2019 में निर्धारित अहर्ता ही मान्य होगी, न कि 2020 की नियमावली.

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