तीन दिन हुई भारी बारिश के बाद हरकत में आई सरकार




सिंचाई मंत्री ने दरभंगा में की बाढ़ से निपटने के उपाय पर बैठक

अपर मुख्य सचिव ने की तटबंध सुरक्षा की समीक्षा

रेज्ड प्लेटफार्म की वर्तमान दशा पर नहीं गया किसी का ध्यान

संजय मिश्र,दरभंगा

हर साल की तरह, बाढ़ निरोधक उपाय पर बिहार की सरकार ने मोर्चा संभाल लिया है. तीन दिन क्या वर्षा हुई, राज्य के सिंचाई मंत्री संजय झा दरभंगा पहुंच गए. शनिवार को आला अधिकारियों के संग उन्होंने मैराथन बैठक की. बाढ़ निरोधात्मक उपायों के तमाम पहलुओं की उन्होंने समीक्षा की. इस वर्ष खास आयाम यह है कि बाढ़ सुरक्षा के साथ सिंचाई पर मंथन है. लहेरियासराय के अंबेडकर सभागार में 01 जुलाई, 2023 को मंत्री संजय कुमार झा की अध्यक्षता में सिंचाई एवं बाढ़ को लेकर हुई बैठक में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने शुरुआत में सिंचाई व्यवस्था को लेकर पश्चिमी कोशी मुख्य नहर में पानी की स्थिति के संबंध में अभियंता प्रमुख के साथ ही संबंधित अधीक्षण अभियंता से जानकारी ली.


 
पश्चिमी कोशी नहर के अधीक्षण अभियंता की ओर से बताया गया कि अभी एक हजार क्यूसेक पानी नहर में छोड़ा गया है. बीते बरस 4,200 क्यूसेक तक पानी छोड़ा गया था. अपर मुख्य सचिव ने प्रतिदिन 500 क्यूसेक पानी बढ़ाने के साथ 05 दिनों में शेष 2500 क्यूसेक पानी की आपूर्ति बढ़ाने तथा सभी निकास द्वार को सिंचाई के लिए खोलने का निर्देश दे देने की बात कही. उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए यही उपर्युक्त समय है. ऐसे समय में किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होनी चाहिए.
 
मंत्री ने कहा कि दरभंगा का ग्राउंड वाटर जलस्तर में वृद्धि के लिए यह अच्छा प्रयोग रहेगा. उन्होंने निर्देश दिया कि अगले 05 दिनों में नहर के अंतिम कोने तक पानी पहुँचा दे. इससे जमींदारी बांध में हुए नये निर्माण का भी परीक्षण हो जाएगा. उन्होंने कहा कि 51 वर्षों के बाद दरभंगा के इन क्षेत्र के लोगों को पानी इस नहर से मिलेगा. पहली प्राथमिकता हो कि खेतों में पानी पहुँचे. बैठक में जमींदारी बाँध में अब तक किये गये कार्य एवं शेष कार्य की स्थिति की समीक्षा की गई.
      
बाढ़ से सुरक्षा के लिए किये गये तटबंध सुरक्षा और कटाव निरोधक कार्य की समीक्षा करते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि तटबंध के तमाम चिन्हित संवेदनशील स्थल पर बालू एवं बैग उपलब्ध रहना चाहिए. बालू आपूर्ति के लिए ट्रेक्टर एवं संवेदक चिन्ह्ति रखे जाएँ, उनके मोबाईल नम्बर रखे जाएँ, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तुरंत बालू की व्यवस्था की जा सके. सुरक्षित मजदूरों की दूरभाष सूची रखी जाए. उन्होंने कहा कि बाँध पर गश्ती लगाने वाले मजदूरों को जैकेट, जल संसाधन विभाग अंकित टोपी, एक सिटी, छाता एवं टॉर्च उपलब्ध कराई जाए तथा उनके निरीक्षण स्थल निर्धारित एवं चिन्ह्ति होने चाहिए.
 
दरभंगा, समस्तीपुर एवं मधुबनी जिले में विभिन्न बाढ़ नियंत्रण प्रमण्डल द्वारा किये जा रहे तटबंध सुरक्षा एवं कटाव निरोधक निर्माण कार्य की समीक्षा बारी बारी से की गई तथा संबंधित अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता एवं संबंधित संवेदक को दिन-रात काम कराकर लंबित कार्यों को पूरा करने का निर्देश दिया गया.बैठक में दरभंगा के डीएम राजीव रौशन ने सुरक्षा के लिए लगाए गए कर्मियों को उनके निगरानी के लिए स्थल निर्धारित एवं चिन्ह्ति करने को कहा. दोनों बाँध के बीच की पेटी में निजी व्यक्तियों द्वारा बड़े निर्माण कराने की जानकारी दी गई. मंत्री ने इस पर विभागीय स्तर से कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

बैठक में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी बालेश्वर प्रसाद, प्रभारी पदाधिकारी आपदा आलोक राज एवं संबंधित विभाग के पदाधिकारी एवं अभियंता उपस्थित रहे. तमाम जानकारी उप निदेशक, जन सम्पर्क एन.के. गुप्ता ने दी.यह इलाका बाढ़ का नैहर कही जाती है. स्वाभाविक है राज्य अमला चिंतित हो. हैरानी है कि बाढ़ के समय उपयोग में आने वाले रेज्ड प्लेटफार्म की मौजूदा स्थिति पर कोई चर्चा नहीं हुई.

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