बेउर जेल में जल्द दिखेंगे कई बड़े बदलाव

कैदियों को मिलेंगी कई सुविधाएं

डाइनिंग टेबल पर खाएंगे कैदी




परिजनों और फैमिली डॉक्टर से फोन पर कर सकेंगे बात

बिहार के जेल IG आनंद किशोर ने सोमवार को पटना के बेउर केन्द्रीय कारा का निरीक्षण किया. उन्होंने बेउर जेल के अंदर और बाहर चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया और कई दिशानिर्देश दिए. बेउर जेल में टेलिफोन बूथ और ऑडिटोरियम का निर्माण चल रहा है. जिसे जेल आईजी आनंद किशोर ने जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है. जेल परिसर के अंदर चार डायनिंग हॉल की व्यवस्था अंतिम चरण में है. ब्लैक ग्रेनाइड के साथ बैठने एवं डायनिंग टेबल की व्यवस्था की गई है. प्रत्येक डायनिंग हॉल में 80 कैदी बैठकर भोजन कर सकेंगे. आनंद किशोर ने 10 दिसम्बर तक चारों डायनिंग हॉल में रंग-रोगन और रौशनी का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है.

बेउर केन्द्रीय कारा के चारों ओर निजी मकान हैं जिसकी उंचाई अपेक्षाकृत अधिक है. जेल आईजी ने बेउर केन्द्रीय कारा के पैरामीटर की दीवार को वर्तमान उंचाई से कम से कम तीन फीट और ऊपर करने तथा उसके ऊपर इलेक्ट्रिक फेन्सिंग करवाने का  निर्देश दिया है.  बेउर मोड़ से जेल तक की सड़क को भी जल्द से जल्द मरम्मत कराने का निर्देश जेल आईजी आनंद किशोर ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को दिया है.

बेउर जेल के बाहर गेस्ट हाउस और बैरक का निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में है. इसके निरीक्षण के दौरान जेल आईजी ने मुख्य सड़क से गेस्ट हाउस तक 16 फीट चौड़ी सड़क बनाने का निर्देश दिया है. नवनियुक्त महिला कक्षपालों के लिए बैरक का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. दो बैरक जिसमें एक 30 की क्षमता का और एक 10 की क्षमता का है. कारा महानिरीक्षक ने 10 दिसम्बर तक दोनों बैरक में चौकी और अन्य फर्नीचर के साथ सभी फिनिसिंग वर्क पूरा करने का दिया निर्देश दिया है.

किसे मिलेगी जेल से टेलीफोन करने की सुविधा-

  • जेल आई जी ने बताया कि जेल के कैदियों से उनके परिजनों, वकील और फैमिली डॉक्टर के तीन टेलिफोन नंबर डाटा बेस में संरक्षित किए जाएंगे. इन नंबरों की पुष्टि संबंधित थाने से कराई जाएगी.
  • जेल में स्थापित टेलीफोन बूथ का सीधा नियंत्रण अधीक्षक/उपाधीक्षक में निहित होगा.

  • यदि बन्दी द्वारा की जा रही बातचीत में ऐसा तथ्य प्रकाश में आता है, जिससे कारा की सुरक्षा को खतरा हो तो तैनात सुरक्षा कर्मचारी द्वारा तत्काल फोन काटकर इसकी लिखित सूचना वरीय अधिकारी को दी जायेगी. जाँच के बाद यदि अनियमितता प्रमाणित होती है तो संबंधित बंदी को भविष्य के लिए टेलिफोन पर बात करने की सुविधा से वंचित कर दिया जाएगा तथा बन्दी के विरूद्ध सुसंगत धारा के अंतर्गत अपराध दर्ज कर नियमानुसार उसके विरूद्ध दंड अधिरोपित किया जाएगा, जिसकी प्रविष्टि बन्दी के हिस्ट्री टिकट में की जाएगी.
  • प्रत्येक बंदी को प्रति 10 दिनों के अंदर 2 बार टेलीफोन कॉल की सुविधा उपलब्ध होगी. एक बंदी एक बार में अधिकतम 5 मिनट तक उसके द्वारा उपलब्ध कराये गये सम्पर्क संख्या पर बात कर सकेगा. एक माह में एक बन्दी को अधिकतम 6 कॉल करने की सुविधा उपलब्ध होगी. यदि कोई बन्दी किसी माह में 6 कॉल से कम कॉल करता है, तो शेष कॉल किसी भी परिस्थिति में अगले माह में ट्रांसफर नहीं होगा.
  • टेलीफोन कॉल के लिए प्रतिमाह अधिकतम राशि 100/- (एक सौ) रुपये होगी.
  • जेलों में टेलीफोन बूथ संचालन की अवधि प्रतिदिन पूर्वाह्न 8 बजे से 11ः30 बजे तक तथा अपराह्न में 2 बजे से 5 बजे तक होगी. इस अवधि में माह में प्रतिदिन सुविधा उपलब्ध होगी.
  • सभी टेलीफोन कॉल की रिकॉर्डिंग की जाएगी तथा इसे तीन माह तक सुरक्षित रखा जाएगा.
  • टेलीफोन की मॉनिटरिंग पुलिस द्वारा की जाएगी. बूथ पर पंजी संधारित की जाएगी, जिसमें टेलीफोन करने वाले बंदी का नाम, टेलीफोन नम्बर, फोन करने का समय आदि की जानकारियां अंकित की जाएगी.
  • फेमा, तस्करी, देशद्रोह और आतंकवाद जैसी धाराओं में बंद कैदी को टेलीफोन की सुविधा नहीं मिलेगी.

Related Post