एक्सपायरी दवा से बिगड़ी बच्चे की हालत

मेडिकेयर ने दी एक्सपायरी वैक्सिन
बच्चे की तबियत बिगड़ी, भड़के परिजन

आरा के नवादा थाना क्षेत्र के करमन टोला स्थित निजी अस्पताल, मेडिकेयर सेवा संस्थान में एक्सपायरी वैक्सिन देने से बच्चे की तबियत अचानक बिगड़ गयी, जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया. घटना के बाद अस्पताल में काफी देर तक अफरा तफरी का माहौल कायम रहा. घटना की जानकारी मिलते ही मेडिकेयर के बाहर भारी संख्या में लोगो की भीड़ एकत्रित हो गई. बच्चे की तबियत बिगड़ने के बाद उनके परिजन दूसरे हॉस्पिटल में लेकर चले गए. जहाँ बच्चा खबर लिखने तक होश में नहीं आया था.




बताते चलें कि इस निजी क्लिनिक को डॉ जीवेश कुमार चलाते हैं और इस प्राइवेट क्लिनिक पर मरीजों की भीड़ लगी रहती है. दूर-दराज से आनेवाले लोग इन प्राइवेट हॉस्पिटलों में इस आशा के साथ आते हैं कि बीमारियों से उन्हें मुक्ति मिलेगी लेकिन पैसे खर्च करने के बाद भी ये प्राइवेट क्लिनिक मौत के ही सबब बन रहे हैं. कुकुरमुत्ते की तरह नित दिन अपने पाँव पसार रहे निजी क्लीनिकों में मरीज अस्पताल के लिए सोने की चिड़िया बनकर आता है, जहाँ उसका दोहन कर डायलिसिस के नाम पर मरीजों को मारने में ये निजी अस्पताल कोई कसर नहीं छोड़ते. डायलिसिस के नाम पर लाखों के बिल बनते हैं. 100/- में आनेवाली इंजेक्शन का दाम 1000/- तक वसूला जाता है. आप इन इंजेक्शन या दवाइयों को बाहर से नहीं खरीद सकते हैं. मजेदार बात यह है कि इन अस्पतालों में आधे से अधिक के पास तो लाइसेंस तक नहीं है बावजूद इसके दलालों के भरोसे ऐसे निजी क्लिनिकोें की चांदी कटती है.


हालाँकि परिजनों के हंगामे के बाद डॉक्टर ने इस बड़ी लापरवाही के लिए माफी मांगी है लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसे माफ़ी से मरीजों की हालत सुधर सकती है? मामले का पता तब चला जब वैक्सीन देने के बाद बच्चे की तबियत खराब हो गयी. तबियत बिगड़ते ही परिजनों में से एक ने डिब्बा उठाया और एक्सपायरी डेट देखा तो दंग रह गया. वैक्सीन पर एक्सपायरी डेट देखने के बाद सबके हाथ पाँव फूलने लगे. फिर आनन फानन में बच्चे को दूसरे जगह ले जाया गया. अपनी गलती को मानते हुए डॉ जीवेश कुमार ने परिजनों से माफ़ी मांगी है लेकिन मीडिया कर्मियों के सामने अबतक नहीं आये है. इस मामले की सूचना अभीतक स्थानीय थाने को नहीं है.

 

आरा से ओपी पांडे

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