प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज एक दिवसीय बिहार दौरे पर गयाजी में थे. पीएम ने 13000 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. पीएम ने अपने संबोधन में विशेष रुप से वोटर पुनरीक्षण और संविधान संशोधन विधेयक 130 को लेकर राजद और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत में घुसपैठिया बड़ी समस्या है. यहां आपका हक छीना जा रहा है. बिहार में घुसपैठिए आपका रोजगार छीन रहे हैं, आपकी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. मोदी ने आरजे़डी और कांग्रेस पर आरोप लगाया और कहा कि, ये लोग बिहार के लोगों का हक छीनकर घुसपैठियों को देना चाहते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की मर्यादा तार तार हो, ये हमलोग नहीं देख सकते हैं. इसलिए केन्द्र की सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसा कानून लेकर आई, जिसमें कोई नहीं बच सकता है. चाहे वो देश का पीएम हो या फिर मुख्यमंत्री या मंत्री. कानून बनने के बाद गिरफ्तारी के 30 दिनों के भीतर जमानत लेनी होगी. अगर बेल नहीं मिली तो कुर्सी छोड़नी होगी. लेकिन आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं.

बता दें कि केन्द्र सरकार ने पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में 130वें संविधान संसोधन विधेयक को पेश किया. इसके बाद इसे जेपीसी में भेज दिया गया है. इस कानून के बनने के बाद अगर कोई मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री लगातार 30 दिनों तक जेल में रहता है, अगर वह अपना पदत्याग नहीं करता है तो अपने आप उसकी कुर्सी चली जाएगी. हालांकि इस विधेयक में यह भी साफ है कि आरोप मुक्त होकर वह निकलते हैं तो उन्हें फिर से सत्तासीन किया जा सकता है. वैसे इस मामले से विधायक और सांसद को अलग रखा गया है. वैसे पहले से कानून है कि किसी पर अगर आरोप सिद्ध होता है और दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता खत्म हो जाती है.

प्रधानमंत्री मोदी ने 130वां संविधान संसोधन का जिक्र करते हुए कहा कि आप सोचिए, आज कानून है कि अगर किसी छोटे सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे तक हिरासत में रखा जाए तो वह अपने-आप निलंबित हो जाता है, लेकिन अगर कोई मुख्यमंत्री है, मंत्री है या प्रधानमंत्री है, तो वह जेल में रहकर भी सत्ता का सुख पा सकता है. हमने कुछ समय पहले ही देखा है कि कैसे जेल से ही फाइलों पर साइन किए जा रहे थे, जेल से ही सरकारी आदेश जारी किए जा रहे थे. नेताओं का अगर यही रवैया रहेगा, तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जा सकती है?

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम लोग देखते थे कि, फाइलों पर साइन करके सरकारी आदेश निकाले जा रहे थे. अगर यहीं रवैया नेताओं का रहेगा तो भ्रष्टाचार के खिलाफ जो लड़ाई लड़ने का हमने संकल्प लिया है वो कैसे पूरा होगा. संविधान की मर्यादा तार तार हो, ये हमलोग नहीं देख सकते है. इसलिए केन्द्र की सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसा कानून लेकर आई, जिसमें कोई नहीं बच सकता है. चाहे वो देश का पीएम हो या फिर मुख्यमंत्री या मंत्री. कानून बनने के बाद गिरफ्तारी के 30 दिनों के भीतर जमानत लेनी होगी. अगर बेल नहीं मिली तो कुर्सी छोड़नी होगी. लेकिन आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री ने पक्की सरकारी नौकरी देने का अभियान चलाया. शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हुई. युवाओं को रोजगार मिले इसके लिए 15 अगस्त को केन्द्र सरकार ने विकसित भारत योजना लागू की है. इस योजना के तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी मिलने वाले को 15 हजार रुपये मिलेंगे. प्राइवेट कंपनियों में जिन्हें रोजगार मिलेगा उन्हें भी सरकार की तरफ से पैसे मिलेंगे.
गयाजी के बाद प्रधानमंत्री मोदी बेगूसराय पहुंचे और औंटा सिमरिया सिक्स लेन पुल का लोकार्पण किया.
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