‘बालश्रम मुक्त बिहार बनाने में समन्वय बनाकर करेंगे कार्य’

बाल श्रम मुक्त बनाये जाने हेतु बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग की हुई बैठक


पटना, दिनांक 13 जनवरी 2023: बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष के डॉ चक्रपानी हिमांशु की अध्यक्षता में आज बाल श्रम मुक्त बनाये जाने हेतु सभी सदस्यों की बैठक आयोजित की गयी. उक्त अवसर पर विभाग श्रमायुक्त बिहार, रंजिता, संयुक्त श्रमायुक्त वीरेंद्र कुमार-सह- आयोग के सचिव के साथ सदस्य, आनंद शंकर सिंह, सदस्य बिहार विधान सभा, रविन्द प्रसाद, सदस्य बिहार विधान परिषद्, रेखा देवी, सदस्य बिहार विधान सभा, सौरभ कुमार, सदस्य बिहार विधान परिषद्, गजफर नवाब के साथ अन्य सदस्य और विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे.
उक्त अवसर पर डॉ चक्रपानी हिमांशु ने कहा कि बालश्रम विमुक्त बिहार बनाने की दिशा में सभी के साथ समन्वय बनाकर कार्य करना आयोग की प्राथमिकता है जिसमें मुख्यत: बाल श्रम को चिन्हित कर उन्हें विमुक्त कराये जाने हेतु निरंतर धावा दल के द्वारा छापा मरवाना होगा. साथ ही उनके पुर्नवास हेतु बाल श्रम कल्याण समिति से समन्वय बनाकर नियमानुकूल कारवाई कर उनके भविष्य को संवारना है.




उन्होंने बताया कि बाल श्रम विमुक्ति हेतु जिला स्तर के अधिकारियों को सजग बनाना और त्वरित कारवाई कराना भी हमारी प्राथमिकता होगी जिससे बाल श्रमिकों को राज्य से बाहर न ले जाया जाये. दंडनीय प्रावधानों को कठोर रूप से लागु करवाने के साथ विमुक्त श्रमिकों को बेहतर शिक्षा हेतु नि:शुल्क दिलाना, बाल श्रम के कारण विद्यालय छोड़ चुके बच्चों को विद्यालय से जोड़ना भी हमारी प्राथमिकता है. इसके लिए सभी स्तरों पर प्रचार-प्रसार विभन्न प्रचार मध्यमों से किया जायेगा. धावादल के सफल संचालन हेतु सभी श्रम अधीक्षकों को निदेशित किया गया है, जिसका अनुश्रवण, श्रमायुक्त बिहार द्वारा किया जायेगा. आयोग श्रमिकों के जागरूकता हेतु भी कार्य करेगी, जिससे उन्हें इस विषय को उन्हें समझाते हुए बच्चों को बाल श्रम में वे न लगायें.
साथ ही राज्य में विभाग एवं अन्य विभागों, राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय सस्थानों द्वारा संचालित योजना और परियोजना को पटल पर लाना और श्रमिकों के सामाजिक, आर्थिक उत्थान हेतु कार्य करना है उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक तीन माह में आयोग कि बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें कार्य की प्रगति और समीक्षा भी की जाएगी.
उन्होंने कहा उम्मीद करता हूँ आने वाले समय में बिहार में बाल श्रमिकों की संख्या में कमी आयेगी और प्रवासी के रूप में बिहार से बाल श्रमिक दुसरे राज्यों में कार्य करने नहीं जायेंगे.

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