केसरिया हुआ VKSU, सेंट्रल पैनल के पाँचो पदों पर ABVP का कब्जा

By om prakash pandey Feb 28, 2018

केसरिया हुआ VKSU, सेंट्रल पैनल के पाँचो पदों पर ABVP का कब्जा
रंग-अबीर लगा एक दूसरे को दी बधाई




आरा,27 फरवरी. वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय में पहली बार हए छात्र संघ चुनाव के सेंट्रल पैनल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) ने कब्जा जमा लिया. पांच पदों पर विद्यार्थी परिषद के शानदार जीत पर कार्यकर्ताओ में खुशी व जश्न का माहौल है. वही विपक्षियों के बीच मायूसी छाई हुई है.

 

विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने वाले अमित कुमार सिंह से जब पटना नाउ ने पूछा कि क्या होगी छात्रों के लिए आपकी प्राथमिकताएं? इस सवाल के जवाब में अमित ने बड़े शालीनता के साथ कहा कि पहली बार हुए छात्र चुनाव के कारण उन्हें अध्यक्ष के कार्य और अधिकार क्षेत्र की विस्तृत जानकारी तो नही है पर छात्रों की हर कठिनाइयों को वे अधिकारियों से मिल हल करने के लिए संकल्पित रहेंगे. उन्होंने सभी छात्रों को इस जीत के धन्यवाद दिया. जीत का श्रेय उन्होंने अपने पार्टी और उनके समर्थकों और भगवा रंग को दिया.

वही उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने वाली सोनाली ने जीत के लिए सभी छात्रों और पार्टी समर्थकों को बधाई देते हुए कहा कि लड़कियों की वो हर आवाज को पहली प्राथमिकता के तौर पर रखेंगी. साथ ही विवि में छात्रों के लिए हर योजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रहेगा.

संयुक्त सचिव पद पर जीतने वाले गणेश दत्त तिवारी उर्फ विपुल तिवारी की प्राथमिकता अपने कॉलेज में NCC को लाना है. जिसजे अतिरिक्त भी कई काम हैं जिसे वो अब जिम्मेदारी के साथ करेंगे. वे ग्राम भारती कॉलेज रामगढ़ से जीतने वाले छात्र उम्मीदवार हैं जो अब विवि के सयुंक्त सचिव पद पर विराजमान है.

महासचिव पद पर जीतने वाली अनु कुमारी ने कहा कि छात्रो के हर परेशानियों को दूर करना उनकी प्राथमिकता होगी. साथ ही समय पर सेशन और परीक्षायें करना उनकी प्राथमिकता है. अनु M V कॉलेज बक्सर से जीतने के बाद सेंट्रल पैनल में चुनी गईं थी.

कोषाध्यक्ष पद पर जीत हासिल किए संटू मित्रा जो डुमरांव के रहने वाले हैं,उन्होंने जीत के लिए सबको धन्यवाद दिया. उनकी पहली प्राथमिकता है डुमरांव में छात्रों के लिए PG की पढ़ाई चालू कराना है. दूसरी प्राथमिकता ई लाइब्रेरी चालू कराना है. सँटू के अनुसार डुमरांव मे मात्र डी के कॉलेज ही छात्रों के पढ़ाई के लिए विकल्प है. वहां के छात्रों को आरा या पटना आकर पढ़ाई करनी पड़ती है क्योंकि 45km के रेडियस में कोई कॉलेज नही है. ऐसे में सबसे मुश्किल छात्राओ को होती है, जिन्हें बाहर जाने के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ती है. तीसरी प्राथमिकता के तौर पर कॉलेजो में शिक्षको की नियुक्ति कराना. अगर विवि शिक्षको की नियुक्ति न करे तो भी प्राइवेट शिक्षक की व्यवस्था को अपने प्राथमिक काम मे वे रखते हैं.

4.30 बजे जैसे ही वोटों की गिनती शुरू हुई लोगो की टकटकी नतीजे पर लगी रही. कैम्पस को पुलिस बल ने खाली करा दिया था. भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती भी किसी हंगामे के अंदेशा से प्रशासन ने कर रखी थी.

इस बीच पहला नतीजा जैसे ही ABVP का आया खुशी की लहर दौड़ पड़ी. उसके बाद एक के बाद एक-कर रिजल्ट आया और सारे पदों पर ABVP ने अपना आधिपत्य जमा लिया. दूसरे किसी भी पार्टी के उम्मीदवार इन पदों पर जीत से दूर ही रहे, जबकि सूत्रों की माने ABVP और छात्र जदयू को छोड़ सभी पार्टियों ने एक हो ABVP के विरुद्ध वोटिंग का निर्णय लिया था पर इसके बावजूद ABVP ने सभी पदों पर जीत हासिल कर VKSU को भगवा रंग में रंग इतिहास रच दिया.

पांच पदों के लिए कुल 15 थे दावेदार और 105 था वोट
यूँ भरे गए थे फॉर्म

होली का जश्न हुआ केसरिया
विवि के छात्र चुनाव के बाद सेंट्रल पैनल में सभी पदों पर ABVP की जीत के बाद केसरिया रंग ही हर तरफ देखने मे मिल रहा है. देश मे संसद से लेकर विवि तक केसरिया रंग में रंग गया है. जीत की खबर मिलते ही गेट पर नारे और एक दूसरे को गुलाल लगा छात्र खुशियां मना रहे थे. जईटी प्रत्याशियों को प्रमाण-पत्र देने के बाद विवि का गेट सभी के लिए खोल दिया गया जहां पाँचो पद पर जीते उम्मीदवारों को उनके समर्थकों ने घेर लिया और अबीर गुलाल लगा उनका भव्य स्वागत किया. छात्रों ने एक दूसरे को मिठाईयां भी बाँटी. विजेताओं को बधाई देने के लिए विहिप, भाजपा और बजरंगदल के बड़े नेता भी विवि पहुंचकर उन्हें बधाइयाँ दी. विजेताओं ने विवि कैम्पर में विराजमान वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आशीष लिया और जीत का जश्न मनाते हुए शहर में भी निकले. होली से पहले हुई ABVP की अप्रत्याशित जीत ने होली की खुशियां दुगुनी कर दी है. अब तो होली का रंग भी केसरिया ही हो गया है.

धरे रह गए रंग और अबीर
जीत का जश्न मनाने के लिए सभी छात्र संगठनों से जुड़े लोगों ने अबीर गुलाल मंगा पहले से ही तैयारी कर रखे थे लेकिन किसी अन्य संगठनों को एक भी पद पर विजय नही मिलने के कारण सभी अबीर-गुलाल धरे के धरे ही रह गए.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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