‘फरक्का तक गंगा नदी के सर्वे के बाद बने सिल्ट मैनेजमेंट पॉलिसी’

By Amit Verma Apr 2, 2017

जल संसाधन विभाग के प्रेजेंटेशन में बोले मुख्यमंत्री

गंगा को बचाने के लिए नेशनल सिल्ट मैनेजमेंट पॉलिसी जरूरी

लेकिन उससे पहले फरक्का तक हो गंगा नदी का सर्वे

गंगा में सिल्ट मैनेजमेंट को लेकर रविवार को सीएम नीतीश कुमार के सामने  माधव चितले कमिटी की रिपोर्ट का प्रेजेंटेशन किया गया. जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने सीएम के सामने ये रिपोर्ट प्रस्तुत की.




मुख्यमंत्री ने गंगा नदी में हो रहे सिल्ट डिपोजिट के विभिन्न कारणों तथा उसके निदान पर विस्तृत चर्चा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि सिल्ट डिपोजिट को लेकर नेशनल सिल्ट मैनेजमेंट पॉलिसी बनाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि  गंगा नदी में लगातार सिल्ट डिपोजिट हो रहा है और  गंगा नदी को बचाये रखने के लिये सिल्ट मैनेजमेंट पॉलिसी बनाने की आवश्यकता है.  उन्होंने कहा कि फरक्का तक गंगा नदी का सर्वे करने के बाद ही गंगा नदी के संदर्भ में कम्प्रिहेंसिव नीति बनायी जा सकेगी. सीएम ने कहा कि अधिकारी और इंजीनियर स्वयं पहले फरक्का तक गंगा नदी का  सर्वेक्षण करें उसके बाद सिल्ट मैनेजमेंट पॉलिसी तैयार करें.

जल संसाधन विभाग के प्रजेंटेशन के दौरान मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव जल संसाधन अरूण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चचंल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के OSD गोपाल सिंह, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता सहित जल संसाधन विभाग के अन्य अधिकारी एवं अभियंता उपस्थित थे.

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बता दें कि वर्ष 2016 में पटना और इसके आसपास गंगा में बाढ़ के कारण जानमाल की काफी क्षति हुई थी. विशेषज्ञों ने और खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया था और इसमें ये बात सामने आई थी कि फरक्का बराज के कारण गंगा में अत्यधिक मात्रा में गाद जमा हो गया है. इसके कारण गंगा के बहाव पर भी असर पड़ा है. गाद की समस्या का निदान नहीं हुआ तो आने वाले समय में राजधानी पटना समेत कई शहरों को बाढ़ का भीषण प्रकोप झेलना पड़ेगा.

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