यहां भी बाढ़ की आहट से सहमे लोग, तैयारी में जुटा प्रशासन

रामरेखा घाट पर की गई नावों की तैनाती

बिहार के कई जिलों में भारी बारिश से आई बाढ़ और विभिन्न बैराजों से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी के मद्देनजर बक्सर में बाढ़ आने की आशंका है. इधर गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण कई जगहों पर कटाव प्रारंभ होने की खबर से तटबंध के अंदर बसे लोग सहमे हुए है. तटबंध के कई बिन्दु पर पानी का दबाव बना हुआ है.




इलाहाबाद के बैराज से 99 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद कुछ गांवों के लोग अपने मवेशी को लेकर ठौर ढूंढने लगे हैं. प्रशासन भी बचाव व सहायता कार्य की तैयारी में जुट गया है. हर तरह की स्थिति से निबटने के लिए प्रशिक्षित नाविकों और नावों को तैनात किया गया है. रामरेखा घाट पर नाव खड़ी की गई हैं.

आपदा प्रबंधन मंत्री और सूबे के मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को बाढ़ 2017 की तैयारी हेतु पूर्व से ही अपेक्षित नावों का प्रबंध करने तथा ससमय नाविकों की मजदूरी भुगतान का निर्देश दिया था. निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन तैयारी में जुट गया है. तटबंधों की सुरक्षा व अन्य कार्याें के लिए जल संसाधन विभाग के प्रतिवेदन पर गृहरक्षकों की तैनाती करने, पथ निर्माण विभाग को बाढ़ से पूर्व सड़कों की मरम्मत करने तथा बाढ़ पीड़ितों के शरणस्थली को चिह्नित किया जा रहा है ताकि बचाव व सहायता कार्य में व्यवधान नहीं आए.

जिला प्रशासन ने दूरसंचार विभाग को संचार योजना तैयार करने, वायरलेस सिस्टम को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है. जिले के सभी विभागों के अधिकारियों का टेलीफोन नंबर सरकार को भेजा जा रहा है ताकि जरूरत के अनुसार अधिकारियों से सीधा संपर्क किया जा सके. जिलाधिकारी मो मोबिन अली अंसारी ने अंचलाधिकारी को तटबंध की सुरक्षा पर निगरानी रखने, बाढ़ से पूर्व लोगों को सचेत करने, नाव की क्षमता निर्धारित करने तथा नाव दुर्घटना की स्थिति में पीड़ित परिजनों को तुरंत अनुग्रह अनुदान उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

 

बक्सर से ऋतुराज

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