जितेन्द्र कुमार सिन्हा को परिवर्तन मीडिया सम्मान

दीदी जी फाउंडेशन पटना ने पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान देने और निष्पक्ष पत्रकारिता के समाजिक बदलाव लाने के लिए “दीदीजी परिवर्तन मीडिया सम्मान-2021” से जितेन्द्र कुमार सिन्हा को अलंकृत किया है. जितेन्द्र सिन्हा को यह सम्मान अमर गायक मुकेश की याद में जीकेसी द्वारा आयोजित ‘एक प्यार का नगमा है’ कार्यक्रम में जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद, प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन और दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद ने संयुक्त रूप से सौंपा. जितेन्द्र कुमार सिंहा सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद कई मीडिया संस्थानों से जुड़ कर स्वतंत्र पत्रकारिता कर रहे हैं. जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) कला-संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार के सौजन्य से महान पार्श्वगायक मुकेश (मुकेश चंद्रमाथुर) की पुण्यतिथि पर 27 अगस्त (शुक्रवार) को संगीतमय संध्या ‘एक प्यार का नगमा है’ का आयोजन किया गया था, जिसमें नामचीन कलाकारों ने उनके गाये गानों के द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि सुमन अर्पित की. कार्यक्रम का संचालन जीकेसी बिहार कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष अखौरी योगेश कुमार ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत मुकेश की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित करके की गयी. संगीतमय कार्यक्रम में मनीष वर्मा, दिवाकर कुमार वर्मा, कुमार संभव, कुंदन तिवारी, रत्ना गांगुली, डा. नम्रता आनंद, प्रेम कुमार, संपन्नता वरूण, मेघाश्री अंजू, पल्लवी सिन्हाप्रवीण बादल, सुबोध नंदन सिन्हा सहित अन्य कलाकारों ने सदाबहार गीतों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की. कार्यक्रम में सभी कलाकारों को भी जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद और दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद ने मोमेंटो और अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया. पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान

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पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भागीदारी के लिये प्रतिबद्ध है जीकेसी

लखनऊ, ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के सौजन्य से पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी संतुलन के लिए लखनऊ (Lucknow) में पौधारोपण कर गो ग्रीन अभियान की शुरूआत की गयी. जीकेसी के गो-ग्रीन अभियान की शुरूआत जीकेसी की प्रबंध न्यासी और गो-ग्रीन की राष्ट्रीय प्रभारी रागिनी रंजन के मार्गदर्शन में समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से किया जा रहा है. इसी के तहत गो-ग्रीन अभियान को आगे बढाते हुए लखनऊ में इसकी शुरुआत की गई. जीकेसी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव की अध्यक्षता में “गो ग्रीन” कार्यक्रम का शुभारंभ जीकेसी उत्तर प्रदेश “कला एवं सांस्कृतिक” प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यकरणी सदस्य विभा श्रीवास्तव निवास स्थान पर बने चित्रगुप्त मंदिर प्रांगण में पौधारोपण कर किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत श्री चित्रगुप्त जी के मंदिर में श्री चित्रगुप्त जी के पूजन एवं आरती से की गई. पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन जीकेसी के “गो ग्रीन” प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव एवं “कला एवं सांस्कृतिक” प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती मंजू श्रीवास्तव के द्वारा “कला एवं सांस्कृतिक” प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यकारणी सदस्या श्रीमती विभा श्रीवास्तव के सहयोग से किया गया. इस कार्यक्रम में जीकेसी महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती ऋतु खरे के साथ जीकेसी के कई पदाधिकारियों ने शिरकत की. सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि जीकेसी “गो ग्रीन” अभियान के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए जीकेसी प्रतिबद्ध है और हर संभव निरंतर प्रयासरत है. pncb

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सबका साथ और सबका विकास के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है जीकेसी

जीकेसी महाराष्ट्र कार्यकारिणी की पहली बैठक संपन्न कायस्थों को एकजुट होने और राष्ट्र निर्माण में कायस्थों की भूमिका को उन्नत करने की जरूरत : शिशिर सिन्हामुंबई, 26 जुलाई कायस्थों के सामाजिक- आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) महाराष्ट्र कार्यकारिणी की पहली बैठक संपन्न हो गयी.(जीकेसी) महाराष्ट्र कार्यकारिणी की पहली बैठक जीकेसी महाराष्ट्र के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा की अध्यक्षता में आहूत की गयी। इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद के अलावा ,रवि व्यास अध्यक्ष भाजपा मीरा-भायंदर जिला, भाजपा कॉर्पोरेटर विजय राय और सुश्री नीला सोन्स, शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के वैश्विक अध्यक्ष दीपक कुमार वर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आलोक अविरल, जीकेसी युवा प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय प्रभारी और बॉलीवुड सिंगर प्रिया मल्लिक और जीकेसी की मुख्य वित्तीय अधिकारी निष्का रंजन मौजूद थी. राजीव रंजन प्रसाद ने लोगों को संबोधित करते हुये जीकेसी के सात मूलभूत सिद्धांत सेवा, सहयोग, संप्रेषण, सरलता, समन्वय, सकारात्मकता और संवेदशनीलता के बारे में विस्तृत जानकारी दी और उन्हें अपने जीवन में आत्सात करने पर जोर दिया. उन्होंने कायस्थों के इतिहास और इस राष्ट्र के निर्माण में उनकी भूमिका के बारे में लोगों को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि हाल के तीन चार दशकों में राजनीतिक दलों द्वारा कायस्थ की महिमा का अवमूल्यन किया गया है. हम सभी को मिलकर जीकेसी आगे बढ़ाने के लिए सोच और विचारधारा का ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन की जरूरत है. जीकेसी सबका साथ और सबका विकास के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.श्री रवि व्यास- अध्यक्ष भाजपा मीरा-भायंदर

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शिक्षित राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कायस्थ समाज की उपेक्षा क्यों : राजीव रंजन

ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के सौजन्य से “पूछता है कायस्थ” सत्र का आयोजन पटना (नयी दिल्ली), 12 जुलाई।। कायस्थों को धीरे-धीरे राजनीति में महत्वपूर्ण भागीदारी से वंचित किए जाने के विरोध में कायस्थ समाज ने अब अपनी आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है. सांस्कृतिक, शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिक उत्थान के लिए संकल्पित विश्वस्तरीय संगठन ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) इसी क्रम में “पूछता है कायस्थ” सत्र का आयोजन किया, जिसमें कायस्थों के हर क्षेत्र में विकास के अलावा राष्ट्रीय प्रांतीय स्तर पर राजनीति में कायस्थों की उपेक्षा के सवाल पर विस्तृत रूप से चर्चा की गयी. जीकेसी के सौजन्य से कायस्थ समाज के सर्वांगीण विकास को लेकर वर्चुअल सत्र “पूछता है कायस्थ” का आयोजन किया गया, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि पूर्व रेल राज्यमंत्री और कांग्रेस वर्किंग कमिटी सदस्यभक्त चरण दास को आमंत्रित किया गया. सत्र के दौरान उन्होंने विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय रखी, वहीं उन्होंने कायस्थ समाज से जुड़े लोगों के सवालों के जवाब दिये. वर्चुअल सत्र में मॉडरेटर के रूप में जीकेसी राजनीतिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिहिर भोले और राजस्थान जीकेसी के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग सक्सेना मौजूद थे. सत्र का संचालन जीकेसी डिजिटल-तकनीकी के ग्लोबल अध्यक्ष आनंद सिन्हा, डिजिटल-तकनीकी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन श्रीवास्तव एवं डिजिटल-तकनीकी के ग्लोबल महासचिव सौरभ श्रीवास्तव ने निभायी. उक्त अवसर पर जीकेसी के विभिन्न राज्यों एवं अनेक देशों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे. सबों ने एक स्वर में कहा कि कायस्थ समाज क्षमता, मेधा, योग्यता, संख्या बल एवं तमाम सकारात्मक गुण होने के बाद भी पिछड़ता चला जा रहा है. इसके कहीं

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आप कितना जानते हैं इन्हें!

26 जनवरी, 1950 को जब भारत को संविधान के रूप में एक गणतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिया गया उसी दिन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के रूप में स्वतंत्र भारत को पहला राष्ट्रपति भी प्राप्त हुआ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के एक छोटे से गांव जीरादेई में हुआ था.एक बड़े संयुक्त परिवार के सबसे छोटे सदस्य होने के कारण इनका बचपन बहुत प्यार और दुलार से बीता. संयुक्त परिवार होने के कारण पारिवारिक सदस्यों के आपसी संबंध बेहद मधुर और गहरे थे. इनके पिता का नाम महादेव सहाय था. डॉ राजेंद्र प्रसाद की प्रारंभिक शिक्षा उन्हीं के गांव जीरादेई में हुई. उस समय यह रिवाज था कि शिक्षा का आरंभ फारसी भाषा से ही किया जाएगा. इसीलिए राजेंद्र प्रसाद और उनके चचेरे भाइयों को पढ़ाने एक मौलवी आते थे. पढ़ाई की तरफ इनका रुझान बचपन से ही था. बाल-विवाह की परंपरा का अनुसरण करते हुए मात्र 12 वर्ष की आयु में इनका विवाह राजवंशी देवी से संपन्न हुआ. राजेंद्र प्रसाद जी ने अपने लगातार खराब रहने वाले स्वास्थ्य का असर अपनी पढ़ाई पर नहीं पड़ने दिया. आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने कलकत्ता विश्विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया. उन्हें 30 रूपए महीने की छात्रवृत्ति भी प्रदान की गई. जीरादेई गांव से पहली बार किसी युवक ने कलकत्ता विश्विद्यालय में प्रवेश पाने में सफलता प्राप्त की थी जो निश्चित ही राजेंद्र प्रसाद और उनके परिवार के लिए गर्व की बात थी. सन 1902 में उन्होंने कलकत्ता प्रेसिडेंसी कॉलेज में प्रवेश लिया. सन 1915 में

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जितेन्द्र कुमार सिन्हा को मिली बड़ी जिम्मेदारी

ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस बिहार के प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए पटना, संवाददाता ।। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस मीडिया सेल के राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर की अनुशंसा पर बिहार के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर जितेन्द्र कुमार सिन्हा को मनोनीत किया गया है. यह मनोनयन ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद द्वारा किया गया है. कमल किशोर ने बताया कि जितेन्द्र कुमार सिन्हा लगभग 34 वर्षों तक लगातार मीडिया से जुड़े रहे हैं और इनका अनुभव का लाभ लगभग सभी मीडिया संस्थानों को मिला है और अभी भी लोग इनका सहयोग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि जितेन्द्र सिन्हा अब सक्रिय रूप से अपने अनुभव का लाभ चित्रांश संगठन को मजबूत करने और गतिविधियों से लोगों को रु ब रु कराने में लगाएंगे. वरीय पत्रकार मुकेश महान ने जितेंद्र सिन्हा को बधाई और शुभकामनाएं दी और कहा कि वे सरकारी सेवा में रहते हुए भी सामाजिक गतिविधियों में हमेशा शामिल होते रहे हैं और विभिन्न संगठनों द्वारा उन्हें सम्मानित और पुरुस्कृत भी किया जाता रहा है.उन्होंने कहा कि जितेंद्र सिन्हा को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाये जाने पर उनका सहयोग निश्चित रूप से सभी चित्रांशों को मिलेगा. जितेन्द्र सिन्हा का ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस बिहार के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोनयन से लोगों की शुभकामनाएं और बधाई देने की तांता लगा हुआ है. pncb

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ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक संपन्न

नयी दिल्ली | रविवार को नई दिल्ली में ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में विश्व भर में फैले कायस्थों को संगठित होने के लिये आह्वान किया गया. ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (Global Kayastha Conference, जीकेसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने यह आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यदि हम संगठित होकर काम करें तो कायस्थ समाज अपने स्वर्णिम अध्याय और गौरवशाली अतीत को फिर से पाने में सफल हो जायेगा. जीकेसी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, 40 मैक्समुलर रोड में हुई. इसकी अध्यक्षता जनता दल यूनाईटेड प्रवक्ता और जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने की. इस बैठक के मुख्य अतिथि चक्रपाणि जी महाराज थे. भगवान चित्रगुप्त जी के चित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन के बाद राष्ट्रीय गीत और गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत हुई. इसके बाद अभय सिन्हा और माया कुलश्रेष्ठ ने आरती की. बैठक में देश और विदेश भर के सभी पदाधिकारी और सदस्यों ने शिरकत की. कार्यक्रम का स्वागत भाषण दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष विजय चन्द्रदास ने किया जबकि कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजीव रंजन प्रसाद और मनोज श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया. मुख्य अतिथि चक्रपाणि ने उद्घाटन संबोधन किया. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गीत के साथ सम्पन्न हुआ. जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने अपने संबोधन में कहा कि कायस्थ समाज का ऐतिहासिक एवं गौरवशाली इतिहास रहा है. स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, जय प्रकाश नारायण और बाला साहब ठाकरे जैसी

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