ग्रामीण उद्यमिता और महिला सशक्तिकरण के उत्सव का आगाज

पटना।। बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, महिला उद्यमिता, स्व-रोज़गार, हस्तशिल्प, कृषि आधारित उत्पादों और स्थानीय कला-संस्कृति के समन्वित प्रदर्शन के लिए प्रदेश का सबसे बड़ा आयोजन बिहार सरस मेला-2025 का आगाज शुक्रवार की शाम गांधी मैदान, पटना में भव्य रूप से हुआ. जीविका, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार द्वारा आयोजित यह मेला 12 से 28 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें बिहार सहित देशभर के स्वयं सहायता समूहों की महिलाएँ अपने उत्पादों का प्रदर्शन व बिक्री करेंगी.


श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग , बिहार सरकार ने मुख्य द्वार पर फीता काटकर बिहार सरस मेला-2025 का उद्घाटन किया. उद्घाटन के बाद मंत्री एवं अन्य अतिथियों ने पूरे मेला परिसर का परिभ्रमण किया और विभिन्न स्टॉलों पर प्रदर्शित स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिला उद्यमियों द्वारा निर्मित उत्पादों का अवलोकन किया.





मेला परिभ्रमण के दौरान मंत्री ने बिहार की ग्रामीण महिला उद्यमियों द्वारा तैयार किए गए खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद, हस्तशिल्प, हैंडलूम वस्त्र, प्राकृतिक उत्पाद, घरेलू उपयोग की सामग्री, सजावटी वस्तुएँ, मिलेट आधारित पोषक उत्पाद, मधुबनी पेंटिंग, जूट एवं बांस उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता की सराहना की.उन्होंने कई महिलाओं से सीधे संवाद करते हुए उनसे उनके उत्पाद, उत्पादन प्रक्रिया, विपणन, जीविका से प्राप्त सहयोग और भविष्य की योजनाओं के संबंध में जानकारी भी प्राप्त की.


इसके बाद मंत्री एवं अतिथिगण मुख्य मंच पर पहुँचे, जहाँ उनका औपचारिक स्वागत किया गया.साथ ही आगत अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया .
तत्पश्चात मंत्री,ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार ने पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन कर बिहार सरस मेला-2025 का औपचारिक शुभारंभ किया.दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही मंच पर उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों तथा हजारों की संख्या में उपस्थित ग्रामीण महिलाएँ और शहरवासियों ने तालियों के बीच इस भव्य आयोजन के शुरू होने का स्वागत किया.
इसके पश्चात मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका ने स्वागत संबोधन दिया. अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि सरस मेला का उद्देश्य ग्रामीण उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर का मंच प्रदान करना, ग्रामीण आजीविका को सुदृढ़ बनाना, स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को विपणन, ब्रांडिंग और पैकेजिंग की उन्नत तकनीकों से जोड़ना तथा ग्रामीण एवं शहरी उपभोक्ताओं के बीच सीधा संपर्क स्थापित करना है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष मेले में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की भागीदारी और अधिक बढ़ी है तथा लगभग सभी जिलों से उत्कृष्ट उत्पादों का चयन कर उन्हें प्रदर्शनी हेतु उपलब्ध कराया गया है. मुख्य कार्यपालक, जीविका ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के बारे में जानकारी दी.


इस अवसर पर मंत्री ने जानकी जीविका महिला सिलाई उत्पादक कंपनी के लोगों का अनावरण भी किया.

मंत्री,ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि बिहार के विकास की सबसे मजबूत शक्ति ग्रामीण महिलाएँ हैं. जीविका के माध्यम से इन महिलाओं ने कठिन परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करते हुए आत्मनिर्भरता की नई मिसाल पेश की है. उन्होंने कहा कि बिहार सरस मेला-2025 इनके परिश्रम, लगन और प्रतिभा का राष्ट्रीय मंच है. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार सरकार स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के उत्पादों को बड़े बाज़ारों से जोड़ने के लिए लगातार कार्य कर रही है और आने वाले वर्षों में इन उत्पादों के लिए ई-मार्केटिंग, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भागीदारी तथा राज्य स्तर पर स्थाई बिक्री केंद्र स्थापित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. राम निरंजन सिंह, निदेशक, जीविका ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, स्वयं सहायता समूहों, महिलाओं, जिलों से आए प्रतिनिधियों, मीडिया संस्थानों तथा मेला आयोजन से जुड़े सभी टीम सदस्यों को सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया.


बिहार सरस मेला-2025 ग्रामीण महिलाओं की सृजनशीलता, आत्मनिर्भरता और उद्यमिता का उत्सव है, जो न केवल आर्थिक अवसर प्रदान करता है, बल्कि ग्रामीण और शहरी समुदायों के बीच सामाजिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक सशक्त मंच भी उपलब्ध कराता है. 12 से 28 दिसंबर तक चलने वाला यह मेला रोज़ाना विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, उत्पाद प्रदर्शनियों और थीम आधारित आयोजनों के साथ आगंतुकों के लिए विशिष्ट आकर्षण का केंद्र रहेगा.
कार्यक्रम के अंत में जीविका दीदियों ने मंचासिन अतिथियों को स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र समर्पित किया.

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