राजस्व महा–अभियान का मुख्यालय स्तर से होगा पर्यवेक्षण
प्रमंडल और जिला स्तर पर वरीय अधिकारी करेंगे तैयारी का पर्यवेक्षण और शिविरों की निगरानी
पटना : 16 अगस्त से 20 सितम्बर 2025 तक संचालित होने वाले राजस्व महा–अभियान के सफल संचालन, पर्यवेक्षण एवं नियमित अनुश्रवण के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने अनुश्रवण कोषांग का गठन किया है. इस कोषांग के माध्यम से विभागीय मुख्यालय स्तर के वरीय पदाधिकारी प्रमंडल और जिला स्तर पर अभियान की प्रगति की निगरानी करेंगे. उनको लगातार शिविरों के निरीक्षण के साथ चल रही तैयारियों का भी लगातार जायजा लेते रहने का निर्देश जारी किया गया है.

राजस्व महा-अभियान के दौरान डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार, छूटी हुई जमाबंदियों को ऑनलाइन दर्ज करने, उत्तराधिकार नामांतरण एवं बंटवारा नामांतरण से संबंधित कार्यों का त्वरित निष्पादन किया जाएगा. इसके लिए राज्यभर में हल्कावार शिविर आयोजित होंगे.
प्रमंडल स्तर पर सचिव स्तर के अधिकारी रखेंगे निगरानी
राजस्व महा–अभियान का प्रत्येक प्रमंडल में सचिव/निदेशक स्तर के पदाधिकारियों को पर्यवेक्षण की जिम्मेवारी दी गई है. विभाग के सचिव जय सिंह को पटना प्रमंडल, सचिव गोपाल मीणा को सारण एवं दरभंगा प्रमंडल, सचिव-सह-निदेशक, चकबंदी राकेश कुमार को कोसी एवं मुंगेर प्रमंडल, निदेशक, भू-अभिलेख एवं परिमाप जे. प्रियदर्शनी को तिरहुत प्रमंडल, निदेशक, भू-अर्जन कमलेश कुमार सिंह को
पूर्णिया एवं भागलपुर प्रमंडल एवं विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह को मगध प्रमंडल की जिम्मेवारी सौंपी गई है.

जिलावार नामित किए गए हैं वरीय पदाधिकारी
राजस्व महा–अभियान को प्रभावी बनाने के लिए विभागीय मुख्यालय स्तर से वरीय पदाधिकारियों को जिला स्तर पर भी जिम्मेदारी दी गई है। हर अधिकारी को एक या एक से अधिक जिले आवंटित किए गए हैं, जहां वे शिविरों की निगरानी, प्रशिक्षण की गुणवत्ता, आवेदन प्रक्रिया की समीक्षा करेंगे.
पटना जिले की निगरानी मोना झा, उप निदेशक, बिहार सर्वेक्षण कार्यालय, गुलजारबाग को सौंपी गई है. बक्सर, कैमूर और भोजपुर जिलों की जिम्मेवारी महेन्द्र पाल, अपर सचिव को दी गई है. सहरसा और मधेपुरा में अनुश्रवण का कार्य अनिल कुमार पाण्डेय, संयुक्त सचिव के जिम्मे है. दरभंगा, समस्तीपुर और मधुबनी की निगरानी आजीव वत्सराज, सहायक निदेशक, भू-अर्जन-सह-संयुक्त सचिव करेंगे.
मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और शिवहर जिलों में मणि भूषण किशोर, विशेष कार्य पदाधिकारी पर्यवेक्षण करेंगे.
गया, नवादा और अरवल की देखरेख डॉ. सुनील कुमार, उप सचिव करेंगे.
गोपालगंज और सिवान जिलों के लिए संजय कुमार सिंह, उप सचिव को जिम्मेदारी मिली है.
वैशाली जिले की निगरानी सोनी कुमारी, विशेष कार्य पदाधिकारी करेंगी. जहानाबाद में नवाजिश अख्तर, विशेष कार्य पदाधिकारी भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय को जिम्मेदारी दी गई है.
नालंदा जिले में पल्लवी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी को तैनात किया गया है.
सारण जिले की निगरानी अनुजा सिन्हा, राजस्व अधिकारी-सह-कानूनगो करेंगी.
अररिया और सुपौल जिलों में अनुश्रवण का दायित्व गोपी नाथ मंडल, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी को मिला है.
कटिहार और भागलपुर जिलों की जिम्मेदारी आशुतोष कुमार, अनुदेशक, राजस्व प्रशिक्षण संस्थान के पास है.
पूर्णिया और किशनगंज जिलों के लिए राजेश कुमार सिंह, अनुदेशक को तैनात किया गया है.
बेगूसराय और खगड़िया जिलों की निगरानी पंकज कुमार, अनुदेशक करेंगे.
शेखपुरा और लखीसराय जिलों की जिम्मेदारी अमरेन्द्र कुमार, सहायक निदेशक, कृषि गणना को दी गई है.
रोहतास और औरंगाबाद की निगरानी सुमित कुमार आनन्द, सहायक निदेशक, कृषि गणना करेंगे.
बांका, जमुई और मुंगेर जिलों की जिम्मेदारी संजीव कुमार सिन्हा, अनुदेशक, चकबंदी प्रशिक्षण संस्थान को दी गई है.
पूर्वी चम्पारण और पश्चिम चम्पारण की देखरेख राजीव रंजन चक्रवर्ती, अनुदेशक, चकबंदी प्रशिक्षण संस्थान करेंगे.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री संजय सरावगी ने कहा है कि आम रैयतों की परेशानियों को देखते हुए जमाबंदियों में सुधार को लेकर बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है. इस महा–अभियान की सफलता क्षेत्रीय अनुश्रवण और प्रभावी पर्यवेक्षण पर निर्भर है. विभागीय पदाधिकारी इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लें. रैयतों से भी जमीन के दस्तावेज में सुधार के इस महत्वपूर्ण अवसर का लाभ उठाने की उन्होंने अपील की है.
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