“बेटियों की वंदना, माताओं का सम्मान और सैनिकों को सलाम”

संवेदना, सम्मान और संस्कृति से ओतप्रोत रहा मातृ दिवस का कार्यक्रम

संभावना आवासीय उच्च विद्यालय में माताओं के सम्मान में गूंजा ‘वंदे मातरम्’




आरा।। शहर के शुभ नारायण नगर, मझौंवा स्थित संभावना आवासीय उच्च विद्यालय में मातृ दिवस के पावन अवसर पर एक भावनात्मक और प्रेरणास्पद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की प्राचार्या के साथ उपस्थित माताओं द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसने पूरे माहौल को संस्कार और श्रद्धा से भर दिया.

“जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी”
इस श्लोक के माध्यम से मातृत्व और मातृभूमि के प्रति आदर भाव को शब्दों में पिरोया गया कार्यक्रम के दौरान मातृत्व के विभिन्न रूपों का स्मरण करते हुए माताओं की महत्ता को विद्यालय की प्राचार्या डॉ अर्चना कुमारी ने उजागर किया गया।
मंच से उन्होंने यह भावपूर्ण संदेश दिया कि जहाँ एक ओर माँ हमारी पहली गुरु होती है, वहीं दूसरी ओर मातृभूमि की रक्षा में समर्पित सैनिकों की माताएँ भी गर्व और सम्मान की पात्र हैं.

उन्होंने कहा कि जननी और जन्मभूमि से बड़ा कोई नही होता है। दिन की शुरुआत से लेकर सोने तक हम अपनी माँ को भूल नही सकते हैं। दूसरी माँ हैं हमारी धरती माँ यानि हमारी जन्मभूमि, जो हमें पांच तत्वों को देती है और इनकी रक्षा के लिए सीमा पर खड़े होकर लड़ने वाले मातृभूमि के असली सिपाही हैं। आज उनके बदौलत ही हम यहाँ शांति से बैठकर कार्यक्रम कर रहे हैं। उन सभी माताओं को सलाम है जिन्होंने अपने बेटों को इस कार्य के लिए बॉर्डर पर भेजा है। उन्होंने कहा कि भारत की बेटी कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका को सलाम है जिन्होने सेना के सिंदूर जैसे ऑपरेशन को पूरा किया और दुनिया में औरतों का मान बढाया है। आज बेटी को इसलिए याद कर रही हूँ क्योंकि आज मातृ दिवस है। आज बेटियों ने दिखा दिया है कि आतंक जैसे जटिल समस्या का जवाब देने में सक्षम हैं। इस अवसर पर बन्दे मातरम के जयघोष के साथ सैनिकों को सलाम किया गया। हॉल वीरता के जयघोष से गूँजेयमान हो गया.

कार्यक्रम का विशेष आकर्षण छात्र-छात्रा आराध्या, श्रुति राज एवं सुहानी दूबे के द्वारा माताओं के बारे में अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का था। इस अवसर पर सभी माताओं को गुलाब का पुष्प गुच्छ देकर प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह के द्वारा सम्मानित किया गया, साथ ही सभी बच्चों ने अपनी माताओं को गुलाब का फूल देकर सम्मानित किया.

छात्रों ने बाँधा समां:
कक्षा 10 की छात्रा आराध्या ने माँ को प्रथम शिक्षक बताते हुए अनुशासन और प्रेम की शिक्षा की सराहना की। वही कक्षा 7B की श्रुति राज ने कविता के माध्यम से कहा—
“हजारों ग़म हो फिर भी बहल जाता हूँ,
हँसती है जब मेरी माँ तो खुशी से ग़म भूल जाता हूँ।” कक्षा 6 के छात्र अयान ने माँ के चरणों को गंगाजल की उपमा देते हुए उनके स्पर्श को पवित्रता का प्रतीक बताया.

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बढ़ाया उल्लास:

कार्यक्रम में “केहू कतनो दुलारी बाकी माई ना होई” पर सामूहिक गीत प्रस्तुत किया गया, वहीं “तू मेरी माता, मैं तेरा लाला” गीत पर छात्राओं द्वारा भावनात्मक नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिसे सौम्या सिंह, सलोनी कुमारी, सारिका सिंह, वेदिका सिंह, वंदना कुमारी, नव्या कुमारी, नंदनी कुमारी, जिया खान, अपूर्वा, अहाना सिंह, मनीषा, ज्ञानी सिंह, निकिता सिंह एवं प्रीति कुमारी ने प्रस्तुत किया। तत्पश्चात् छात्राओं ने समूह नृत्य “रिश्ता तेरा-मेरा सबसे है आला, तू मेरी मईया मैं तेरा लाला…..” प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी, जिसे अर्पिता, अमन पाल, रौशनी एवं सीनू ने पेश किया.

नृत्य की कोरियोग्राफी शिक्षक चिंटू कुमार द्वारा की गई थी, जबकि संगीत की प्रस्तुति में धर्मेंद्र कुमार और अमितेश कुमार का योगदान रहा। कार्यक्रम की संपूर्ण रूपरेखा आर्ट शिक्षकों संजीव सिन्हा और विष्णु शंकर ने तैयार की थी। मंच संचालन का दायित्व शिक्षक अरविंद वर्मा ने निभाया

मौलाबाग स्थित जूनियर विंग में बच्चों ने बांधा समां, लोग हुए भावुक

इसके पूर्व शहर के मौलाबाग स्थित संभावना पब्लिक स्कूल में मातृ दिवस मनाया गया। उद्घाटन प्रशासनिका डॉ. अर्चना सिंह किया। उन्होंने कहा कि बच्चों का संपूर्ण विकास मां से ही होता है, उन्होंने वर्तमान परिपेक्ष के मद्देनजर कहा कि राष्ट्र प्रेम की भावना सर्वोपरि होती है, उन्होंने कहा कि मैं उन माताओं को सैल्यूट करती हूॅं, जिनके वीर सपूत भारत की सीमाओं पर डटे हुए हैं। वही संगीत शिक्षक महेश शर्मा के निर्देशन में “एक बटा दो, दो बटे चार…..” की प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उप प्राचार्या स्वाति सिंह के नृत्य परिकल्पना पर आधारित एकल नृत्य “ओरी चिरैया..” की प्रस्तुति पर दर्शक दीर्घा में बैठे लोग भाव विह्ववल हो गए। वही छात्राओं ने अपनी माता के बारे में भावनाओं को अभिव्यक्त किया। निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र ने बताया कि कार्यक्रम का विशेष आकर्षण छात्र-छात्राओं को उनकी प्रस्तुति पर माता के द्वारा मेडल देकर सम्मानित किया गया। समारोह में चयनित ग्रीटिंग कार्ड बनाने वाले बच्चों के साथ उनकी माता को सम्मानित किया गया। एकल नृत्य श्रेयांशी श्री, सनाया राज, पीहू, श्रेया और मानया के द्वारा प्रस्तुत किया गया। समूह गीत आराध्या, शिक्षा, वैभवी, अनुष्का और अनन्या ने प्रस्तुत की. उप प्राचार्या स्वाति सिंह और शिक्षिका नीलम ओझा और सीता कुमारी ने विद्यालय में उपस्थित सभी माता को तिलक के साथ पुष्प देकर सम्मानित किया. अंत में प्रशासिका डॉ. अर्चना सिंह ने सभी प्रतिभागियों को मेडल देकर सम्मानित किया.

संचालन एवं धन्यवाद प्राचार्य दीपेश कुमार ने किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में बच्चों की माताएं उपस्थित थी.

मातृ सेवा ही सच्चा नागरिक धर्म:
विद्यालय के निदेशक कुमार द्विजेन्द्र ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, “माँ के बिना जीवन की कल्पना अधूरी है. जिस तरह माँ नि:स्वार्थ सेवा करती है, वैसे ही आपको भी बड़े होकर उनके प्रति समर्पित होना चाहिए. एक सच्चा नागरिक वही है जो अपने माता-पिता और देश की सेवा करे.”

इस अवसर पर विद्यालय में उपस्थित सभी माताओं को गुलाब भेंट कर प्राचार्या द्वारा सम्मानित किया गया. साथ ही, बॉर्डर पर तैनात सैनिकों के लिए योगदान देने की प्रेरणा देते हुए विद्यालय में दान-पात्र स्थापित करने की घोषणा की गई.

कार्यक्रम के अंत में निदेशक डॉ कुमार द्विजेन्द्र ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया. विद्यालय परिवार के समस्त शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की.

यह आयोजन मातृत्व, संस्कृति और राष्ट्रप्रेम के त्रिवेणी संगम का साक्षात प्रतीक बन गया.

ओ पी पांडे

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