ओक वैली इंटरनेशनल प्री स्कूल का भव्य वार्षिकोत्सव सम्पन्न
डॉक्टर सत्यजीत बोले—संयुक्त परिवार बच्चों को बनाता है परिपूर्ण
डायरेक्टर खुशबू सिंह ने कहा—बच्चों को पढ़ाई से पहले ‘अध्ययन’ और व्यवहार सिखाना ही असली शिक्षा
फुलवारी शरीफ।। पटना के ओक वैली इंटरनेशनल प्री स्कूल एंड डे केयर का एनुअल फंक्शन 2025 आज विद्यापति भवन के सभागार में रंगारंग कार्यक्रम के साथ धूमधाम से सम्पन्न हुआ. नन्हे-मुन्ने बच्चों ने वार्षिक उत्सव की थीम “विविधता में एकता—भारत की पहचान” को सार्थक करते हुए विभिन्न धर्मों, पर्व-त्योहारों और भारतीय संस्कृति पर आधारित शानदार नृत्य-गीत-संगीत की प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम का दीप जलाकर उद्घाटन करने सभी बच्चों की मम्मी, डायरेक्ट के साथ मंच पर पहुंची और दीप जलाकर कार्यक्रम का आगाज किया.

बच्चों ने पंजाबी भांगड़ा, ईद की खुशियों, होली के रंग, क्रिसमस सेलिब्रेशन, छठ पर्व, बिहू, गणेश वंदना, शिव-स्तुति सहित कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से पूरा माहौल राष्ट्रप्रेम और उत्सव की भावना से भर दिया.

डायरेक्टर खुशबू सिंह ने कहा—हम ‘पहले अध्ययन, फिर पढ़ाई’ के सिद्धांत पर काम करते हैं. कनाडा में शिक्षा प्रणाली को देखने के बाद उन्होंने अपने बिहार में ऐसा प्री स्कूल शुरू करने का निश्चय किया था, जहाँ बच्चों को किताबों से पहले अध्ययन, व्यवहार और सामाजिक समझ सिखाई जाए.

उन्होंने कहा—“भारत में बच्चों को सीधे पढ़ाई—A, B, C, D—से शुरू करा दिया जाता है, जबकि दुनिया के विकसित देशों में पहले उन्हें अवलोकन, अध्ययन, व्यवहार और आसपास की चीजें समझाई जाती हैं. ओक वैली इंटरनेशनल प्री स्कूल में हम बच्चों को पहले सीखाते हैं कि कैसे बात करनी है, कैसे मिलना है, अपने माता-पिता, रिश्तेदारों, शिक्षकों और समाज के लोगों से कैसा व्यवहार करना है. इसके बाद उनकी पढ़ाई प्रारंभ होती है.”उन्होंने आगे कहा कि भारत की सभ्यता-संस्कृति, भाषाई विविधता और विभिन्न धर्मों का संगम पूरे विश्व में अद्वितीय है. यही “विविधता में एकता” हमारे देश की असली पहचान है और इसी भावना के साथ बच्चों को आगे बढ़ाना हमारा उद्देश्य है.

मुख्य अतिथि डॉक्टर सत्यजीत बोले—संयुक्त परिवार बच्चों के सर्वांगीण विकास की नींव है.
रूबन मेमोरियल हॉस्पिटल के फाउंडर डायरेक्टर डॉ. सत्यजीत ने कहा कि ओक वैली इंटरनेशनल प्री स्कूल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह विद्यालय बच्चों को संयुक्त परिवार की भावना से जोड़कर आगे बढ़ाता है उन्हें शिक्षित करता है.
उन्होंने कहा—
“आज संयुक्त परिवार टूट रहे हैं, लेकिन बच्चों का सर्वांगीण विकास संयुक्त परिवार में ही सम्भव है. सिर्फ मम्मी-पापा नहीं, बल्कि दादा-दादी, नाना-नानी, चाचा-चाची, फूआ-फूफी, मौसी-मामा—इन सभी रिश्तों को पहचानना और उनके साए में सीखना बच्चों को संस्कारित और परिपूर्ण बनाता है.”
उन्होंने कहा कि डायरेक्टर खुशबू सिंह ने ऐसा विद्यालय स्थापित कर बिहार और पटना के अभिभावकों को एक अनोखा विकल्प दिया है, जहाँ शिक्षा के साथ संस्कार और व्यवहार को भी उतनी ही अहमियत दी जाती है.
फंक्शन में नन्हे मुन्ने की शानदार प्रस्तुति के पीछे शिक्षक शिक्षकों का मार्गदर्शन उनकी मेहनत ने काफी भव्य और शानदार कार्यक्रम को संपन्न कराया . कई अभिभावकों ने मंच पर आकर विद्यालय के पढ़ाई और बच्चों की परिवार की तरह केयर करने जैसे कार्यों की तारीफ की.
Ajit
