IMC गया में बनेगा बिहार का पहला एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा IMC गया को मिली मंजूरी— बिहार का पहला एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप बनने की ओर एक बड़ा कदम
1,700 एकड़ में विकसित औद्योगिक नगर – गया, बिहार में 1,700 एकड़ में बनने वाली आधुनिक औद्योगिक टाउनशिप, जिसमें उद्योग, व्यापार, आवास और सार्वजनिक सुविधाओं के लिए ज़मीन का संतुलित उपयोग किया जाएगा
• योजनाबद्ध टाउनशिप- राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे और जलमार्ग नेटवर्क से योजनाबद्ध रूप से जुड़ी टाउनशिप
• प्लग-एंड-प्ले ढांचा – पूर्ण सुविधाओं से युक्त औद्योगिक भूखंड, उपयोगिता सेवाएं और लॉजिस्टिक समर्थन के साथ।
• सतत और समेकित योजना – भूखंड स्तर पर टिकाऊ योजना एवं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी का प्रावधान।
• केंद्र और राज्य एजेंसियों का सशक्त समन्वय – परियोजना के समुचित एवं समयबद्ध क्रियान्वयन हेतु सहयोग।
• निवेश की संभावना – अनुमानित Rs.16,000 करोड़ का निवेश और लगभग 1,10,000 रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना।
• स्थानीय रोजगार – यह क्लस्टर ‘काउंटर मैग्नेट सिटी’ के रूप में कार्य करेगा, जिससे पलायन पर अंकुश लगेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार सुनिश्चित होगा।
• ईपीसी टेंडर के आवंटन में सहायता – पर्यावरणीय मंजूरी से निर्माण से जुड़े इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कार्यों को गति मिलेगी.

• EPC टेंडर आमंत्रण के लिए पर्यावरणीय मंजूरी आवश्यक कदम
• संपूर्ण आधारभूत संरचना का विकास – एसपीवी “बिहार इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी गया लिमिटेड (BIMCGL)” द्वारा निम्नलिखित ट्रंक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा:कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP),सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP),वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP), ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली (SWM), लॉजिस्टिक्स सुविधाएं, आंतरिक सड़कें, जल निकासी, प्रशासनिक भवन एवं एकीकृत कमांड सेंटर
• क्षेत्रवार औद्योगिक विकास – औद्योगिक क्षेत्रों का चरणबद्ध व क्षेत्रवार विकास.
• 33% क्षेत्र हरित क्षेत्र के रूप में – हरित पट्टी का विकास पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने हेतु
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पटना।। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा के नेतृत्व में बिहार के औद्योगिक विकास की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. अमृतसर–कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (AKIC) के अंतर्गत प्रस्तावित ग्रीनफील्ड परियोजना इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) गया को भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) से 18 मार्च, 2025 को पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त हुई है.

भारत सरकार और राज्य सरकार के साझा प्रयासों एवं दूरदर्शी नेतृत्व में, आईएमसी गया (IMC Gaya) पूर्वी भारत में औद्योगिक विकास का केंद्र बनने जा रहा है. यह परियोजना आर्थिक अवसरों को टिकाऊ विकास से जोड़ते हुए क्षेत्र को नवाचार, उद्यमिता और समावेशी प्रगति का गतिशील केंद्र बनाएगी.
यह मंजूरी ‘इंडस्ट्रियल एरिया’ श्रेणी के तहत केवल सात महीनों में दी गई है, जिससे भविष्य में आने वाली औद्योगिक इकाइयों को अलग से जनसुनवाई कराने की आवश्यकता नहीं होगी. इससे राज्य स्तरीय अनुमोदनों की प्रक्रिया तेज़ होगी और निवेशकों के लिए समय एवं संसाधनों की बचत होगी. यह परियोजना बिहार इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी गया लिमिटेड (BIMCGL) के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है, जो भारत सरकार और बिहार सरकार के बीच गठित एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) है. यह बिहार में औद्योगिक उत्कृष्टता, रोजगार सृजन और टिकाऊ शहरी विकास का आदर्श मॉडल बनेगा.
हाल ही में एक संयुक्त निरीक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें जल भंडारण स्थल और पाइपलाइन के प्रस्तावित मार्ग का अध्ययन किया गया. यह निरीक्षण जल स्रोत की दीर्घकालिक उपलब्धता और क्लस्टर योजना में इसके एकीकरण के उद्देश्य से किया गया. साइट विजिट में नैशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NICDC), बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA), जल संसाधन विभाग बिहार, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (NIH) रुड़की, वन विभाग बिहार तथा गया जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए. यह दौरा पूर्व में किए गए बाह्य सड़क संपर्क मूल्यांकन के बाद किया गया, जो इस औद्योगिक टाउनशिप को एकीकृत और समन्वित रूप से विकसित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

pncb

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