भाजपा का शिष्टमंडल चीन यात्रा पर, सांसद महेश पोद्दार भी हैं शामिल

By Nikhil Aug 26, 2019 #Mahesh Poddar BJP MP

दक्षिण अफ्रीका के बाद चीन यात्रा के लिए भाजपा ने महेश पोद्दार पर जताया भरोसा
आर्थिक, सांस्कृतिक, सांगठनिक मुद्दों पर दोनों देशों के बीच गहन विमर्श

रांची (ब्यूरो रिपोर्ट) | चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के आमंत्रण पर भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह के नेतृत्व में चीन पहुंचा है. भारतीय प्रतिनिधिमंडल में झारखंड से राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार सहित 5 सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, श्रीमती रक्षा खडसे, सुरेश पुजारी तथा शिवकुमार उदासी शामिल हैं. इसके अलावा पार्टी पदाधिकारी विजय चौथाईवाले, संजय टंडन, गोपाल अग्रवाल, नलिन कोहली, अशोक गोयल एवं सुश्री नीतू डबास भी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं.

भाजपा का यह प्रतिनिधिमंडल चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं से मिलेगा. अपने अपने देशों में सत्ताधारी दोनों दल सांगठनिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक एवं आर्थिक विषयों पर विचारों का आदान – प्रदान करेंगे. इसी वर्ष चीन के राष्ट्रपति जी जिनपिंग की प्रस्तावित भारत यात्रा को देखते हुए भाजपा के इस प्रतिनिधिमंडल की चीन यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
रविवार को चीन की राजधानी बीजिंग पहुंचकर भाजपा के शिष्टमंडल ने फोर्बिडन सिटी का भ्रमण किया और चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिश्री के साथ उनके आवास पर रात्रिभोज बैठक की. सोमवार को भारतीय शिष्टमंडल की चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के दल के साथ नेबरहुड पार्टी टॉक के तहत “आउटलुक फॉर इंडियन इकॉनोमी एंड प्रोस्पेक्टस फॉर चाइना – इंडिया कोऑपरेशन” विषय पर सार्थक विमर्श हुआ. भारतीय शिष्टमंडल ने “चीन की दीवार” (ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना) का भ्रमण भी किया.




भाजपा के इस महत्वपूर्ण शिष्टमंडल में शामिल झारखंड से राज्यसभा के सांसद महेश पोद्दार चीन में प्रस्तावित विचार विमर्श के दौरान मंगलवार को भाजपा के विशिष्ट सांगठनिक ढांचे और इस पार्टी की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर अपने विचार रखेंगे. यह प्रतिनिधिमंडल एक सितंबर 2019 को भारत लौटेगा.
महेश पोद्दार इससे पहले दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन के क्रम में ब्रिक्स पोलिटिकल पार्टीज डॉयलॉग में भाजपा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वहां उन्होंने चौथी औद्योगिक क्रांति से जुड़ी संभावनाओं और चुनौतियों तथा उसमें भारत की संभावित भूमिका पर अपने विचार रखे थे.

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