हड़ताल से वापस काम पर लौटे 3295 कर्मियों के अलावा शेष सभी हड़ताल पर गए विशेष सर्वेक्षण कर्मियों की सेवा समाप्त
नए सिरे से चयन हेतु इसी महीने के अंत तक विज्ञापन जारी होगा
पटना।। भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने ऐसे सभी विशेष सर्वेक्षण कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी है जो विभाग के दिए गए डेडलाइन तक काम पर नहीं लौटे.

दरअसल विभाग के द्वारा पूर्व में प्रकाशित सूचना के माध्यम से हड़ताल/धरना प्रदर्शन कर रहे विशेष सर्वे संविदा कर्मियों से कर्तव्य पर वापस लौटने की अपील समाचार पत्रों, विभाग के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स एवं निदेशालय के वेबसाइट के माध्यम से की गई थी. साथ ही इस हेतु पूर्व में दिनांक 30.08.2025 को संध्या 5 बजे तक एवं पुनः एक और अंतिम अवसर देते हुये दिनांक 03.09.2025 की संध्या 5 बजे तक कर्तव्य पर वापस लौटने हेतु अवसर दिया गया था. निर्धारित तिथि एवं समय तक कुल 3295 संविदा कर्मियों द्वारा कर्तव्य पर वापस लौटकर कार्य किया जा रहा है.

शेष सभी हड़ताल पर बने हुये संविदा कर्मियों की संविदा भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा समाप्त कर दी गई है. इसके अतिरिक्त संविदा समाप्त किये गये सभी कर्मियों के पदों को रिक्त घोषित करते हुये उन सभी पदों पर नियोजन हेतु विज्ञापन प्रकाशन की कार्यवाही इस माह के अंत तक, निर्वाचन की घोषणा से पूर्व करने हेतु सभी आवश्यक औपचारिकतायें पूर्ण करने हेतु आवश्यक कार्यवाही भी की जा रही है.

हड़ताली संविदाकर्मियों से मिले गोपाल रविदास
इससे पहले बुधवार को विधायक गोपाल रविदास मंगलवार को धरना स्थल पर पहुंचे और आंदोलनरत कर्मियों से मुलाकात की. उन्होंने कर्मियों की समस्याएं सुनी और उनकी मांगों का समर्थन किया.

विधायक रविदास ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने दिनों से संविदा कर्मी आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार का कोई भी जिम्मेदार पदाधिकारी अब तक इनकी सुध लेने नहीं आया है.” उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि संविदा कर्मियों की मांगों को शीघ्र मानते हुए आमरण अनशन को समाप्त करवाया जाए.

बता दें कि पटना के गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों की हड़ताल का आज 19वां दिन है. 16 अगस्त से ये कर्मी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जिनमें से कई बीते 6 दिनों से भूख हड़ताल पर भी हैं. धरना स्थल पर मौजूद कर्मियों ने बताया कि वे स्थायी नियुक्ति, सेवा शर्तों में सुधार और भविष्य की सुरक्षा को लेकर स्पष्ट आश्वासन चाहते हैं.
अजीत
