पटना।। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जैव विविधता का महत्व एवं उसके संरक्षण की अनिवार्यता के बारे में जन जागृति हेतु प्रत्येक वर्ष 22 मई को अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का आयोजन किया जाता है. बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 22 मई, 2025 के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन संजय गाँधी जैविक उद्यान, पटना में आयोजित किया गया.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ सुनील कुमार, मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में हरजोत कौर बम्हरा, भा.प्र.से., अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार उपस्थित रहीं.

पर्षद के अध्यक्ष भारत ज्योति, द्वारा विषय परिचय के साथ स्वागत संबोधन किया गया. कार्यक्रम का संचालन एस. चन्द्रशेखर, भा.व.से., सचिव, बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद द्वारा किया गया.

इस अवसर पर दिनाक 19 मई, 2025 को संजय गाँधी जैविक उद्यान में आयोजित राजस्तरीय चित्रांकन एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता में कक्षा-01 से कक्षा 12 तक के 24 सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों के 1165 विद्यार्थियों में से वर्गवार प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया गया.

इस अवसर पर मंत्री द्वारा स्वस्थ्य वातावरण एवं पर्यावरण के संरक्षण हेतु जैव विविधता के ड्रास को रोकने की आवश्यकता पर बल दिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, भूमि का क्षरण जैसे कुप्रभावों के लिए हमारी जैव विविधता का घटना ही मुख्य कारण है. बिहार एक जैव विविधता सम्पन्न राज्य है, जहाँ कृषि, बागवानी, पशु संसाधन, मात्स्यिकी की विविधताओं के अतिरिक्त वन क्षेत्र एवं कई छोटी-बड़ी नदियाँ बहती है तथा इनमें विभिन्न प्रजाति के वनस्पति एवं जीव-जन्तु वास करते हैं तथा जिनका प्रकृति संतुलन में अपना विशिष्ट योगदान है. विजेता विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों एवं शिक्षकों को बधाई देते हुए नयी पीढ़ी को जैव विविधता के विभिन्न पहलुओं से जागरूक होकर उसके संरक्षण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने का अनुरोध किया गया.
सभा को सम्बोधित करते हुए हरजोत कौर बम्हरा, भा.प्र.से., अपर मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के स्वस्थ्य होने का परिमाण (माप) वहाँ की जैव विविधता के स्वरूप से ही किया जा सकता है. संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र से ही हम कई महत्वपूर्ण उत्पाद सतत् रूप से प्राप्त कर सकते हैं. जैसे-भोजन, स्वच्छ वातावरण तथा रोगों से लड़ने की क्षमता. इसके अतिरिक्त जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग जैसे वैश्विक आपदाओं से निजात पाने में भी जैव विविधता की मुख्य भूमिका है. जैव विविधता के मामले में बिहार एवं समृद्ध राज्य है. यहाँ विभिन्न प्रकार के बाग-बगीचों के अतिरिक्त कृषि एवं मात्यिकी बड़े क्षेत्र में की जाती है. विगत वर्षों में राज्य सरकार द्वारा संरक्षित कृषि पद्धति, भू-एवं-जल संरक्षण, हरित आवरण में वृद्धि तथा वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण हेतु कृषि रोड मैप (चतुर्थ सस्करण), हरियाली मिशन, जल जीवन एवं हरियाली, आर्द्रभूमि संरक्षण योजना तथा वन्यप्राणी सरक्षण-राष्ट्रीय उद्यान एवं आश्रयणी प्रबंधन योजनाएं क्रियान्वित की गयी है जिनसे राज्य में कृषि, बागवानी, मात्स्यिकी, पशु संसाधन, सामाजिक वानिकी एवं वन्यजीवों के संरक्षण में गुणात्मक प्रभाव पड़ा है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार एवं पर्षद के प्रयासों से युवा पीढ़ी प्रेरित होंगे तथा जैव विविधता सरक्षण में सक्रिय योगदान देगें. उन्होंने सभी विजेता विद्यार्थियों के साथ बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद् एवं वन विभाग को इस कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु बधाई दी.
कार्यक्रम में प्रभात कुमार गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख), बिहार, अरविन्द सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अभय कुमार द्विवेदी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अभय कुमार, मुख्य वन संरक्षक, सुरन्द्र सिंह, मुख्य वन सरक्षक, डॉ. कुमार सामी, मुख्य वन संरक्षक, हेमन्त पाटिल, निदेशक, पटना-जू भी उपस्थित रहे.
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