सच्चे गांधीवादी तथा जाने-माने शिक्षाविद प्रो विनय कंठ नहीं रहे

प्रोफेसर विनय कंठ

सच्चे गांधीवादी तथा देश के जाने-माने शिक्षाविद प्रो विनय कंठ का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया.

वे 66 साल के थे तथा लीवर प्रॉब्लम के कारण बीमार थे. करीब एक सप्ताह पहले उन्हें मस्तिष्काघात भी हुआ था. उन्हें दिल्ली के एस आर आई हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था जहां उन्होंने सोमवार दोपहर बाद अंतिम साँसें ली।दिल्ली के निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.

प्रो विनय कंठ पटना विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर थे. प्रो. कंठ ऐसे मनुष्य थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश और समाज के लिए समर्पित कर दिया था. उन्होंने IRS (भारतीय रेलवे सेवा) में 5 वर्षों तक नौकरी करने के बाद इस्तीफा दे दिया था और फिर वह प्राध्यापक बन गए. उन्होंने 80 के दशक में UPSC, BPSC की तैयारी के लिए दिल्ली में एक संस्थान भी खोला था जिसमें पढ़कर देशभर के कई छात्र आईएएस और महत्वपूर्ण ऑफिसर पदों के लिए चुने गए. आज भी उनके पढाए छात्र देश भर में उच्च पदों पर आसीन है.




17 जुलाई 1951 को जन्मे प्रो० कंठ एक समाजसेवी तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता भी थे. शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए पिछले साल बिहार सरकार ने राज्य के सबसे प्रतिष्ठित अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित किया था.
पटना नाउ टीम की ओर से उन्हें शत-शत नमन और अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि.
(ब्यूरो रिपोर्ट)

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