‘अश्लील गायिका’ ने खुले मंच से मांगी माफी

संस्कार भारती के संस्कार की खुली पोल
कृष्ण रूप सज्जा में अतिथि बनी अश्लील गायिका “खुशबू उत्तम”
अम्बा ने किया विरोध, खुले मंच से मांगी माफी
कहा-‘आज के बाद नही गाऊँगी अश्लील गाना’ लेकिन दर्शक भी बंद करें अश्लील गाना सुनना




भाजपा की सांस्कृतिक इकाई कहे जाने वाली संस्कार भारती ने संस्कारों की जैसे होली ही जला दी. भारतीय संस्कृति और संस्कारों की बात करने वाली संस्कार भारती ने आरा नागरी प्रचारिणी में होने वाले बाल श्रीकृष्ण रूप सज्जा, नृत्य एवं गायन प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में अश्लीलता की महारानी कहे जाने वाली भोजपुरी गायिका खुश्बू उत्तम को बुला अपने संस्कारो को मटीयापलीत कर दिया. गौरतलब है कि श्रीकृष्ण रूप सज्जा का यह प्रतियोगिता हर वर्ष पूरे देश मे इसकी हर शाखाएं आयोजित करती हैं.

लेकिन इस वर्ष संस्कार भारती ने अश्लील गायिका को बुला संस्कार भारती को कलंकित कर दिया. खुश्बू उत्तम जैसे गायक को ऐसे कार्यक्रम में बुलाने का विरोध करते हुए अम्बा और भोजपुरी बचाओ अभियान के सदस्यों ने खुश्बू उत्तम हाय हाय और वापस जाओ के नारों से कार्यक्रम को बीच मे ही रोक दिया. इस दौरान आयोजको के काफी मान-मनौवल के बाद भी कार्यकर्ता विरोध करते हुए अड़े रहे. कर्यक्रम के बीच मे इस तरह के विरोध के बाद वहाँ हड़कम्प मच गया और प्रतिभागियों के परिजन और दर्शको के बीच भागमभाग का माहौल कायम हो गया. भोजपुर में अपना विरोध देखते हुए बचाव करते हुए गायिका ने मंच से सार्वजनिक रूप से अश्लील गाये हुए गानो के लिए माफी मांगा.

क्या कहा खुश्बू ने
मीडिया ने जब खुश्बू से गंदे गाने, गाने कारण पूछा तो खुश्बू ने कहा कि वो गंदे गाने अब नही गाती हैं. गायिका ने प्रोड्यूसर और कम्पनी मालिकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गायक से ज्यादा दोषी ये लोग ही है. दर्शको पर भी आरोप लगाया और उनसे भी अश्लील गाना न सुनने की अपील की. खूश्बू ने विरोध कर रहे लोगों के विरोध को भी अश्लीलता की श्रेणी में रख दिया.

गायिका द्वारा मंच से सार्वजनिक माफी मांगने के बाद कार्यक्रम फिर से शुरू हो सका. लेकिन मंच पर अपने सम्मान के बाद कृष्ण पर एक गीत गाने से पहले कहा कि वो अश्लील नही गाती लेकिन अब लोग उसको अश्लील मां ले तो क्या कहेंगे?

भोजपुरी में अश्लीलता फैलाने वाले सतर्क हो जाएं

भोजपुरी बचाओ अभियान के कार्यकर्ता अभिषेक द्विवेदी ने कहा कि अगर भविष्य में अपने वादे के बाद भी ऐसे गायक अपनी करतूत से बाज नही आएंगे तो उन्हें जूतों का माला पहनाया जाएगा. वही संस्कार भारती से कभी अपने
नाटकीय यात्रा की शुरुआत करने वाले अम्बा कोर कमिटी सदस्य ओ पी पांडेय ने ऐसे गायको को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाना संस्था का सांस्कृतिक पतन बताया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में संस्कार भारती के कमिटी में विराजमान लोगो को निलंबित करने के लिए प्रदेश मुख्यालय को लिखेंगे. साथ ही भोजपुरी को इस तरह बदनाम करने वाले गायक अपना अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें.

कौन है खुश्बू उत्तम
1989 की जन्मी खुश्बू उत्तम ने अपनी पहचान वैसे गानो के जरिये बनाई है जिसे मर्द भी खुलेआम गाने से परहेज करते हैं. औरत को देवी माने जाने वाले देश मे खुश्बू ने भोजपुरी में अश्लीलता गाकर न सिर्फ भोजपुरी को दागदार किया है बल्कि अश्लीलता की चाशनी चटा अपने नाम को बुलंद किया है और स्त्री की गरिमा को भी गर्त में धकेल दिया है. नाच में बाई भी इस सलीके के गाने नहीं गाती है जैसा खुश्बू उत्तम ने गाया है. खुशबू उत्तम ने समान नइखै का रे, छेदा में जा के अटक जाई हो, चोली मसकावे ल सईयां और डिलीवरी डिलीट हो जाई जैसे गीतों से अपनी पहचान बनाई है और भोजपुरी की अस्मिता को धूमिल किया है.

विरोध करने वालों में अम्बा(अश्लीलता मुक्त भोजपुरी असोसिएशन) और भोजपुरी बचाओ अभियान के जुड़े कार्यकर्ताओं में ओ पी पांडेय, अभिषेक द्विवेदी,राणा सिंह, शुभम, अभिषेक, सुधांशु मिश्रा, सुमित श्रीवास्तव, दीपेश कुमार, राज सिन्हा, संजय तिवारी, अमृत सिंह, आशीष कुमार, गोलू तिवारी, दीपेश सिन्हा, और मुकुल सिंह समेत कई कलाकार और हॉल में उपस्थित दर्शक भी शामिल थे.

युवाओं के इस विरोध से जहां भोजपुरी गायको में हड़कम्प मचा हुआ है वही आम पब्लिक ने इस विरोध का समर्थन किया है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक सकरात्मक पहल की चर्चा हो रही है. उम्मीद ऐसा लग रहा है कि भोजपुरी के लिए इस पहल के बाद अब हर क्षेत्र के युवा अश्लीलता के लिए ऐसा विरोध कर सकते हैं.

बिना अनुमति कैसे किया नाम का इस्तेमाल!

बिना पूछे बैनर और फॉर्म पर नाम भी संस्कार भारती ने जोड़ा है. अपूर्वा कुमारी ने इसपर आपत्ति जताई और कहा कि उसे पता भी नहीं है कि उसका नाम कोई यूज कर रहा है.

आरा से आशुतोष

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