कुछ मुश्किलें हुईं दूर, बाकी की उम्मीद जगी

व्यापारियों को परेशान कर रही GST की उलझनें कुछ हद तक दूर हुई हैं. 6 अक्टूबर को  22वीं बैठक में GST परिषद ने 1.5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली इकाइयों को हर महीने के बजाय तीन महीने में एक बार रिटर्न जमा करने की छूट दे दी है. छोटे कारोबारियों के लिए कंपोजिशन योजना की सीमा भी 75 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है. GST के लागू होने के बाद तीन महीने की अवधि में कारोबार जगत को पेश आ रही मुश्किलों पर चर्चा के लिए शुक्रवार को हुई GST परिषद की बैठक में ये फैसले लिए गए. बैठक में खास तौर पर छोटे एवं मझोले उद्योग और निर्यातकों को पेश आ रही समस्याओं पर गौर किया गया.




केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि छोटे कारोबारियों और निर्यातकों को राहत देने के लिए कई रियायतें देने पर सहमति बनी है. उन्होंने बताया कि छोटे एवं मझोले कारोबारियों को अब मासिक रिटर्न नहीं भरना होगा. जिन इकाइयों का सालाना कारोबार 1.5 करोड़ रुपये तक है उन्हें अब तिमाही रिटर्न भरना होगा. अभी तक जीएसटी के तहत पंजीकृत हरेक कारोबारी को मासिक आधार पर अपना रिटर्न जमा करना होता था. लेकिन ऑनलाइन रिटर्न जमा करने के लिए बनाई गई व्यवस्था GST नेटवर्क पर भारी बोझ पडऩे और अनुपालन संबंधी अन्य शर्तों के चलते कारोबारी खासे परेशान होने लगे. इसका असर यह हुआ कि जुलाई की तुलना में अगस्त और सितंबर के महीनों में GST रिटर्न आंशिक रूप से कम हो गया.

इसके अलावा कारोबार जगत के लिए चलाई जा रही कंपोजिशन योजना की सीमा को भी 75 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है. हालांकि कंपोजिशन योजना के तहत कारोबारियों पर पहले की तरह 1 फीसदी, विनिर्माताओं पर 2 फीसदी और रेस्टोरेंट उद्योग पर 5 फीसदी की दर से कर लगता रहेगा.

अरुण जेटली ने कहा कि निर्यातकों को रिफंड में आ रही समस्या से राहत के लिए इलेक्ट्रॉनिक रिफंड व्यवस्था को लागू करने की तैयारी चल रही है और 1 अप्रैल से E-वॉलेट व्यवस्था लागू कर दी जाएगी. हर निर्यातक को भविष्य में अपना रिफंड इस E-वॉलेट के जरिये ही मिल जाएगा. इस वॉलेट के लिए शुरुआती फंड का इंतजाम सरकार अपनी तरफ से करेगी. निर्यातकों को जुलाई-अगस्त के लिए रिफंड प्रक्रिया 10 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही वस्तुओं की आवाजाही से संबंधित E-WAY बिल व्यवस्था को अब 1 अप्रैल, 2018 से लागू किया जाएगा. कारोबारी अपने माल पर सरकारी निगरानी की आशंका को देखते हुए E-WAY का कड़ा विरोध कर रहे हैं. इसके  साथ ही परिषद ने 27 वस्तुओं पर GST की दरों में कटौती की है. बता दें कि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि कारोबारियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार जल्द ही कदम उठाने वाली है.

दरअसल व्यापारी वर्ग GST को लेकर खासा परेशान है और यही परेशानी बीजेपी के लिए आनेवाले गुजरात चुनाव के दौरान भारी पड़ सकती है. यही वजह है कि सरकार तीखी आलोचनाओं का सामना कर रही सरकार ने कारोबारियों, निर्यातकों और छोटे कारोबारियों की चिंताएं दूर करने के लिए शुक्रवार रात कई कदमों की घोषणा की है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने GST काउंसिल की दिनभर चली 22वीं बैठक के बाद दिवाली से पहले आम आदमी और छोटे कारोबारियों को राहत देने की घोषणा की है.

आइए देखते हैं किन चीजों पर कम हुई है GST-

खाने के आइटम
रोटी, खाखरा, अनब्रैंडेड नमकीन और सूखा आम को 12 फीसदी टैक्स स्लैब्स के दायरे से हटा दिया गया है. अब इन पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा.
बच्चों की जरूरत के सामान
चाइल्ड पैकेज्ड फूड और स्टेशनरी के सामानों पर भी अब कम टैक्स लगेगा। अभी तक इन पर 12 फीसदी टैक्स वसूला जा रहा था, जिसे घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.
कपड़े भी होंगे सस्ते
आने वाले दिनों में कपड़े भी सस्ते होंगे. कपड़ा बनाने के लिए उपयोग होने वाले मानव निर्मित धागे पर GST को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है. सिन्थेटिक फिलामेंट यार्न पर भी टैक्स में इतनी ही कमी की गई है.


महिलाओं के लिए
जरी के काम और आर्टिफिशल ज्वेलरी पर GST 12 से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है.
दवाएं होंगी सस्ती
आयुर्वेदिक और होम्योपथी दवाएं सस्ती होंगी. इन पर 12 फीसदी की बजाय 5 फीसदी टैक्स लेने का फैसला किया गया है. इनके अलावा संगमरमर और ग्रेनाइट को छोड़कर फर्श के बाकी पत्थर पर टैक्स को घटाकर 18 प्रतिशत की श्रेणी में रखा गया है. कचरा, प्लास्टिक और रबर कचरा पर टैक्स घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. डीजल इंजन पुर्जों GST 28 से 18 फीसदी कर दी गई है. पंप पुर्जे भी सस्ते होंगे.

BIA ने किया फैसले का स्वागत

बिहार इंटस्ट्रीज एसोसिएशन ने GST काउंसिल के फैसले पर खुशी जताई है और एसोसिएशन के अध्यक्ष KPS केशरी ने इसके लिए काउंसिल के अध्यक्ष तथा सभी सदस्यों के साथ बिहार के उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी को धन्यवाद दिया है. इसके साथ ही BIA अध्यक्ष ने अपनी अन्य मांगों पर भी विचार करने की अपील की है.

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